पश्चिम बंगाल कांग्रेस और टीएमसी के बीच सबकुछ सही नहीं चल रहा है. बात इतनी बढ़ चुकी है कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने अपने या सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाले वामपंथियों के बीच चयन करने के लिए कांग्रेस को संदेश भेजने का फैसला किया है. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी.
टीएमसी सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व के नरम होने के बावजूद, कांग्रेस द्वारा टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव और पार्टी के लोकसभा सदस्य अभिषेक बनर्जी को निशाना बनाए जाने से शीर्ष तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व नाराज है.
‘राज्य कांग्रेस के नेताओं के बनर्जी पर हमले जारी’
सूत्रों ने कहा, ‘कांग्रेस नेता सी. वेणुगोपाल सहित विपक्षी इंडिया गठबंधन के घटकों द्वारा अभिषेक बनर्जी के साथ एकजुटता व्यक्त करने के बावजूद राज्य कांग्रेस के नेताओं ने अपने हमले जारी रखे हैं.’ बता दें टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी 13 सितंबर को इंडिया गठबंधन की समन्वय समिति की बैठक में भाग नहीं ले पाए थे क्योंकि उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूछताछ के लिए तलब किया था.
कांग्रेस का राष्ट्रीय नेतृत्व तय करे
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता और राज्य मंत्रिमंडल के एक सदस्य ने नाम न छापने की सख्त शर्त पर कहा सीपीआई (एम) की तो राजनीतिक मजबूरी है, लेकिन राज्य कांग्रेस के नेता इस लाइन पर क्यों चल रहे हैं? इसलिए, ऐसी स्थिति में, यह कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व को तय करना है कि वे पश्चिम बंगाल में हमारे साथ जाना चाहते हैं या सीपीआई (एम) के साथ.
सीट बंटवारे को लेकर टीएमसी ने किया ये फैसला
इसके अलावा टीएमसी ने राज्य में सीट बंटवारे को लेकर भी एक फैसला किया है. पता चला है कि तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने सीट-बंटवारे के फॉर्मूले पर वाम दलों के साथ कोई चर्चा नहीं करने का फैसला किया है. पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस नेतृत्व को 42 लोकसभा सीटों में से कितनी सीटें छोड़ेगी, इसकी जानकारी देगी. इसके बाद यह कांग्रेस को तय करना होगा कि उसे कैसे फैसला लेना है.