Women Reservation Bill Passed: 27 साल पहले यानि साल 1996 में पहली बार महिला आरक्षण बिल पेश किया गया था. इसके बाद साल 2008 में इस बिल को फिर से पेश किया गया, जो कि 2010 में राज्यसभा में पारित हुआ, लेकिन लोकसभा में पारित न हो सका. साल 2014 में लोकसभा के विघटन के बाद खत्म हो गया. इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कैबिनेट ने महिला आरक्षण बिल को कल मंजूरी दे दी है. आज लोकसभा में महिला आरक्षण बिल को पेश किया गया, जो कि लोकसभा में पास किया जा चुका है. वहीं अब महिला आरक्षण बिल को राज्यसभा में पेश किया जाना है.
लोकसभा में आरक्षण बिल पास होने को लेकर गाजियाबाद की महिला मेयर सुनीता दयाल ने कहा कि प्रधानमंत्री जिस तरह का बिल लेकर आ रहे हैं, उस तरह से प्रधानमंत्री राजपुरुष नहीं बल्कि युग पुरुष साबित होंगे. उन्होंने कहा कि बीजेपी वैसे भी महिलाओं को बहुत प्रोत्साहन देती है. प्रादेशिक टीम में भी महिलाओं को तवज्जो दी जाती है. भारतीय जनता पार्टी महिलाओं को सम्मान और अधिकार की बात करती है.
महिलाओं के ज्यादा चुने जाने के बाद अलग तरीके की बात होगी, जिससे वह वैसे मुद्दे उठा पाएंगे जिन्हें और लोग नहीं उठा पाते हैं. महिलाएं ज्यादा सोच और सहनशीलता के साथ काम करेंगे. विपक्ष के कुछ लोगों के महिलाओं की राजनीतिक समाज पर सवाल उठाने पर बोली कि यह सूचना गलत है कि महिलाओं को राजनीतिक समझ नहीं होती. गाजियाबाद की मेयर ने कहा कि मैं भी महिला हूं और पिछले 16 साल से राजनीति में हूं. जब एक महिला अपने बच्चों को बड़ा करके काबिल बना सकती है तो वह सभी चीजों को समझ सकती है. वहीं अलग-अलग राजनीतिक दलों के श्रेय लेने पर बोलीं कि बीजेपी में राजनीतिक इच्छा शक्ति है और पूर्ण बहुमत है तो ऐसे में सभी को पता है कि बीजेपी बिल लाएगी तो पास हो जाएगा और वह पारित भी होगा. नरेंद्र मोदी की सरकार है जो कहती है वह करती है