कांग्रस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने बुधवार को सरकार से आग्रह किया कि ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ के कानून बनने के साथ इसे जल्द से जल्द लागू किया जाए क्योंकि इसे लागू करने में देरी भारत की महिलाओं के साथ घोर नाइंसाफी होगी. उन्होंने यह भी कहा कि जाति जनगणना करा कर इसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) की महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था की जाए.
सोनिया गांधी ने लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने के प्रावधान वाले ‘संविधान (एक सौ अट्ठाईसवां संशोधन) विधेयक, 2023’ का समर्थन किया .
पूर्व पीएम राजीव गांधी के योगदान को किया याद
विधेयक पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित करने में अपने पति और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के योगदान को याद किया और कहा कि इस महिला आरक्षण विधेयक के पारित होने से उनके दिवंगत पति का अधूरा सपना पूरा होगा.
सोनिया गांधी ने कहा, ‘पिछले 13 वर्षों से महिलाएं अपनी राजनीतिक भागीदारी का इंतजार कर रही हैं, अब कुछ और वर्ष तक इंतजार करने के लिए कहा जा रहा है…क्या यह बर्ताव उचित है?’
‘इस विधेयक को फौरन अमल में जाया जाए’
सोनिया गांधी ने कहा कि इस विधेयक को फौरन अमल में जाया जाए. उन्होंने सरकार से आग्रह किया, ‘‘जाति जनगणना कराकर एससी, एसटी और ओबीसी महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था की जाए. इसके लिए जो कदम उठाना जरूरी है, उसे उठाना चाहिए.’’
सोनिया गांधी का कहना था कि इस विधेयक को लागू करने में देरी करना भारत की स्त्रियों के साथ घोर नाइंसाफी है. उन्होंने कहा, ‘ मेरी मांग है कि इस विधेयक के रास्ते के रुकावटों को दूर करते हुए जल्दी से जल्दी से लागू किया जाए. ’