राज्यहरियाणा

नारी शक्ति वंदन अधिनियम महिला सशक्तिकरण की ओर महत्वपूर्ण कदम: विधायक सीमा त्रिखा

कहा, अब विधानसभा, लोक सभा और राज्य सभा में महिलाओं की 33 प्रतिशत होगी भागीदारी

एम के न्यूज / महेन्द्र शर्मा

फरीदाबाद, 25 सितम्बर।  बडखल विधानसभा क्षेत्र से विधायक सीमा त्रिखा ने कहा कि देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र और प्रदेश में मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में प्रदेश सरकार महिलाओं के लिए एतिहासिक फैसले ले रही हैं। उन्होंने कहा कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम संसद से पास हो चूका है जिसकी गूंज पूरे विश्व में सुनाई दे रही है। विधायक सीमा त्रिखा कहा अब विधानसभा लोक सभा और राज्य सभा में महिलाओं की 33 प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित होगी। जबकि हरियाणा में पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं की 50 प्रतिशत भागीदारी पहले ही सुनिश्चित की गई है।

विधायक सीमा त्रिखा आज सोमवार को बडखल लेक स्थित फाल्कन होटल में  आयोजित प्रैस वार्ता में पत्रकारों को सम्बोधित कर रही थी।

विधायक सीमा त्रिखा ने कहा कि महिलाओं में हर चुनौती स्वीकार करने की हिम्मत होती है। आज महिलाएं पुरुषों के साथ हर क्षेत्र में कन्धे से कन्धा मिला कर अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रही  है। अब महिलाएं भी राजनीति में सक्रिय भूमिका अदा कर रही है।उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण बिल संसद से पास होने के बाद कांग्रेस ने मजबूरी में महिला आरक्षण बिल का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि यह बिल हमारा संकल्प था, मगर मौजूदा परिस्थिति को देखते हुए कांग्रेस ने मजबूरी में इसका समर्थन किया। विधायक सीमा त्रिखा ने कहा कि महिला के जीवन का हर रंग और संघर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में समाधान जब बनता जाता हो तो हम हर दिन दिवाली-होली ही दिखाई देती है।उन्होंने कहा कि  कुछ लोगों को यह गलतफहमी है कि महिला आरक्षण का यह विषय दो-तीन दशकों पुराना है। अगर आप हमारे संविधान के रचयिताओं-निर्माताओं के इतिहास पढ़ेंगे तो उस वक्त भी कुछ महिलाओं ने इस आरक्षण की मांग की थी, क्योंकि उनको एहसास था कि आगामी वर्षों में महिलाओं के राजनीतिक रास्ते कठिन हो जाएंगे। सीमा त्रिखा ने कहा कि कांग्रेस की मजबूरी यह फर्क है सहमति देने में 2008 के बिल की बात करें तो उस वक्त कांग्रेस के सहयोगियों ने साथ छोड़ दिया था, मगर भारतीय जनता पार्टी ने विपक्ष में रहते हुए भी कांग्रेस का समर्थन किया था, क्योंकि महिला आरक्षण के बिल पर हमारी स्पष्ट रणनीति थी और हमारी नियत भी साफ थी।  मगर 2010 से 14 तक बहुमत के बाद भी कांग्रेस ने क्यों नहीं पास करवाया। असली नियत उसमें झलकी थी। उन्होंने कहा कि मैं तो स्तब्ध थी कि जब सोनिया जी ने कहा कि यह हमारा बिल है। इतना अपना था कि वोटिंग- इंट्रोडक्शन का समय आया तो वो खुद उपस्थित नहीं थीं। मुझसे वह उम्र में बड़ी हैं इसलिए मैं मर्यादा में कहना चाहती हूं। अगर आप उनके भाषण को सुनेंगे तो उनके भाषण में दो चीजें स्पष्ट होती हैं-राजीव गांधी जी ने कोशिश की थी मगर फेल हो गए, यह सोनिया जी के अपने शब्द हैं। दूसरा बार-बार कांग्रेस के प्रतिनिधि में कहते आए हैं कि 73वां और 74वां संशोधन राजीव जी लेकर आए, यह सत्य नहीं है, क्योंकि खुद सोनिया गांधी ने स्वीकार किया है कि यह पीवी नरसिम्हा राव की देन थी। विधायक सीमा त्रिखा ने आगे कहा कि हमारा यह संकल्प था और विपक्ष की यह मजबूरी थी, क्योंकि पिछले 9 वर्षों में आप देश में व्यवस्थाएं देखें, सामाजिक सोच देखें, बहुत बड़ा बदलाव आया है। ईस दौरान पूजा शर्मा, उद्यमिता, डाक्टर पुनिता आसीजा, मीनू राजन भाटिया सहित अन्य कई गणमान्य महिलाएं उपस्थित रही।

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