आम चुनाव 2024 के लिए राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है. यूपीए अब इंडिया की शक्ल में एनडीए(NDA) को चुनौती देने के लिए तैयार है. क्या एनडीए एक बार फिर केंद्र में सरकार बनाने में कामयाब होगा या देश के सामने तस्वीर कुछ और इस सवाल का जवाब भविष्य के गर्भ में है लेकिन आम चुनाव 2024(Aam Chunav 2024) कम से कम दो वजहों से खास रहने वाला है. अगर बीजेपी(BJP) की अगुवाई में एनडीए एक बार सरकार बनाने में कामयाब होता है तो जवाहर लाल नेहरू के बाद यह पहला मौका होगा जब कोई दल/गठबंधन तीसरी बार दिल्ली की गद्दी पर काबिज होगी. यदि ऐसा नहीं होता है तो इसका अर्थ यह होगा कि जनता ने बदलाव को पसंद किया. इन सबके बीच यहां पर हम बीजेपी की तैयारी या उनके तरकश में कितने तीर हैं उसके बारे में समझने की कोशिश करेंगे.
इन राज्यों में एनडीए/ इंडिया गठबंधन की सरकार
यहां सबसे पहले बाद करेंगे की बीजेपी या एनडीए के घटक दलों का किन राज्यों पर कब्जा है, इस समय यूपी, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, गोवा, पुड्डुचेरी, असम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, सिक्किम में सरकार है.अगर कांग्रेस या इंडिया गठबंधन के दलों की बात करें तो पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, बिहार, राजस्थान, छत्तीसगढ़, पंजाब, दिल्ली, केरल, झारखंड और तमिलनाडु में सरकार है.
एनडीए की तस्वीर
- बीजेपी- 303
- शिवसेना शिंदे- 11
- लोजपा- 6
- एनसीपी-5 अजित पवार
- अपना दल-2
- आजसू- 1
- एनडीपीपी-1
- एमएनएफ-1
- एबीएसपी-1
- एसकेएम-1
- कांग्रेस या इंडिया गठबंधन
- कांग्रेस-52
- डीएमके-23
- टीएमसी-22
- जेडीयू-16
- शिवसेना उद्धव- 6
- समाजवादी पार्टी-5
- एनसीपी शरद पवार- 4
- माकपा-3
2019 में एनडीए बनाम यूपीए
2019 के चुनाव में बीजेपी को 37.47 मत प्रतिशत के साथ 303 सीटें मिली थीं. अगर एनडीए की बात करें तो कुल 353 सीटें मिली थीं और वोट प्रतिशत 45 फीसद था. वहीं कांग्रेस को 19.51 फीसद वोट के साथ 52 सीटें मिली थीं. अगर बार यूपीए की करें तो 26 फीसद वोट और सीटें 92 थीं. इसके अलावा अन्य के खाते में कुल 97 सीटें गई थीं.मौजूदा समय में एनडीए में 37 दल शामिल हैं जबकि इंडिया गठबंधन में शामिल दलों की संख्या 28 है.
गठबंधन पर खास जोर
जब यूपीए(UPA) ने खुद तो नए कलेवर यानी इंडिया के रूप में पेश किया तो बीजेपी अपने कुनबे को और मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ी. अभी हाल ही में कर्नाटक में जेडीएस के साथ गठबंधन उदाहरण है. अगर महाराष्ट्र की बात करें तो शिवसेना ने जब एनडीए से नाता तोड़ा तो शिवसेना का एक घटक शिंदे का धड़ा बीजेपी के साथ है यही नहीं एनसीपी जो बीजेपी को चुनौती पेश कर सकती थी उसका अजित पवार वाला धड़ा बीजेपी के साथ है, यही नहीं बिहार में चिराग पासवान वाला धड़ा, जीतनराम मांझी की हिंदुस्तान अवाम मोर्चा. उपेंद्र कुशवाहा साथ हो चले हैं. अगर बात यूपी की करें तो राजभर समाज पर पकड़ रखने वाले ओमप्रकाश राजभर बीजेपी के साथ एक मंच साझा कर रहे हैं.
योजनाएं, ट्रंप कार्ड की तरह
आम चुनाव 2024 में महिला आरक्षण(Women Reservation Bill) को एक बड़े दांव के तौर पर देखा जा रहा है. विपक्ष के नेता भले ही इसमें कुछ खामी बीजेपी के लिए और कुछ कामयाबी खुद के लिए देख रहे हों लेकिन जानकारों की राय अलग है. जानकारों के मुताबिक बीजेपी को इस कवायद का फायदा मिलने से इनकार नहीं किया जा सकता है. इसके साथ ही पीएम जनधन योजना(pm jandhan yojna), उज्ज्वला योजना, पीएम फसल बीमा योजना, पीएम कृषि सिंचाई योजना, आयुष्मान योजना, मुद्रा लोन, रेहड़ी पटरी योजना को ट्रंप कार्ड माना जा रहा है.