आखिर कर्नाटक बंद (Karnataka Bandh reason) के पीछे वजह क्या है.दरअसल कावेरी नदी जल विवाद पर कन्नड़ समर्थक समूह और किसान संगठनों ने बंद का ऐलान किया है. इन संगठनों का कहना है कि कर्नाटक के किसान वैसे ही पानी की समस्या से दो चार हो रहे हैं ऐसे में तमिलनाडु को कावेरी नदी का पानी छोड़े जाने का फैसला गलत है. किसी भी अप्रिय हालात से निपटने के लिए बेंगलुरु और दूसरे जिलों में (karnataka bandh live) बड़ी संख्या में सड़कों और महत्वपूर्ण संस्थानों पर पुलिस की तैनाती की गई है.
कावेरी नदी के मुद्दे पर बंद
बंद का असर मेट्रो स्टेशनों पर पर साफ दिखाई दे रहा है. आम दिनों (is karnataka bandh on friday confirmed)की तरह जब मेट्रो के कोच खचाखच भरे रहते हैं कुछ लोग ही यात्रा करते नजर आ रहे हैं. कर्नाटक रक्षण वेदिके, कन्नड़ चलवली जिसे वटल पक्ष भी कहते हैं इनके साथ ही अलग अलग किसान संगठनों की शीर्ष संस्था कन्नड़ ओकुटा ने बंद का ऐलान किया है. कन्नड़ ओकुटा का कहना है कि बंद को राज्य के सभी वर्गों का समर्थन मिल रहा है, बेंगलुरु(bangalore bandh today) में टाउन हाल से लेकर फ्रीडम पार्क तक जुलुस निकाला जाएगा जिसमें बड़ी संख्या में लोग हिस्सा लेंगे.
मांड्या जिले पर खास नजर
बंद को देखते हुयए मांड्या जिले(today karnataka bandh or not) में धारा 144 पहले से ही लागू है.वहीं बेंगलुरु प्रशासन ने सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने का फैसला किया है. बंद में ऑटोरिक्शा संगठन भी हिस्सा ले रहे हैं. बंद के समर्थकों(vatal nagaraj) का कहना है कि राज्य सरकार को पता है कि कावेरी बेसिन में पानी की कमी है लेकिन हकीकत को नजरंदाज करते हुए तमिलनाडु के प्रति राज्य सरकार ने नरम रुख अपनाया जिसका असर कर्नाटक के किसानों पर पड़ रहा है. इस बंद को मुख्य विपक्षी दल बीजेपी और जेडीएस का भी समर्थन हासिल है, इन दलों का कहना है कि सिद्दारमैया सरकार अदालती फैसले का सम्मान करे उसमें किसी को परहेज नहीं है लेकिन जमीनी हकीकत को भी देखे. कावेरी के बेसिन में सूखा है और सरकार तमिलनाडु को पानी दे रही है.