एम के न्यूज / महेन्द्र शर्मा
बेंगलुरु
कर्नाटक में भाषा को लेकर विवाद भड़क उठा है। बुधवार को कई कन्नड़ समर्थक समूहों ने सड़कों पर प्रदर्शन किया और अंग्रेजी में लिखे दुकानों के बोर्ड्स को नुकसान पहुंचाया। हाल ही में आदेश जारी हुए थे कि सभी प्रतिष्ठानों पर लगे साइनबोर्ड्स पर 60 फीसदी कन्नड़ भाषा होना चाहिए। खास बात है कि इससे पहले मुख्यमंत्री सिद्धारमैया भी कर्नाटक में रहने वालों को कन्नड़ सीखने की सलाह दे चुके हैं।
बुधवार को राजधानी बेंगलुरु में कई जगहों पर बवाल हुआ। प्रदर्शनकारियों ने केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लेकर सैलून और स्पा समेत शहर के कई प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया। प्रदर्शनों से जुड़े कई वीडियो भी सामने आए हैं, जिसमें नजर आ रहा है कि प्रदर्शनकारी अंग्रेजी में लिखे साइनबोर्ड्स को फाड़ रहे हैं। इस दौरान अंग्रेजी के कई साइबोर्ड्स पर काला रंग भी पोता गया।
क्या थी मांगें
प्रदर्शनकारियों का मांग थी कि 60 फीसदी कन्नड़ भाषा से जुड़े आदेश को तत्काल लागू किया जाए। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ब्रुहट बेंगलुरु महानगरपालिका के प्रमुख तुषार गिरि नाथ ने बताया कि BBMP के क्षेत्र में आने वाली दुकानों और बड़े प्रतिष्ठानों के पास 28 फरवरी तक का समय है। अगर वे तब तक आदेश का पालन नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है।
सियासी एंगल
सीएम सिद्धारमैया लगातार कन्नड़ भाषा के इस्तेमाल की बात करते रहे हैं। इससे पहले भी उनके पिछले कार्यकाल में बेंगलुरु मेट्रो स्टेशनों के हिंदी नामों पर टेप लगा दिया गया था। उन्होंने अक्टूबर में भी कहा था, ‘राज्य में रहने वाली सभी लोगों को कन्नड़ बोलना सीखना चाहिए।’ उन्होंने कहा था, ‘हम सभी कन्नडिगा हैं। यहां अलग-अलग भाषा बोलने वाले लोग रहते हैं।’