एम के न्यूज / महेन्द्र शर्मा
नई दिल्ली
पाकिस्तान की इन दो हरकतों से चिंता का माहौल है. इससे भारतीय सुरक्षा को खतरा पैदा हो सकता है. पाकिस्तानी अधिकारी या मिलिट्री के लोग इसे लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं दे रहे हैं. कुछ लोगों का कहना है कि ये फ्लाइट ट्रेनिंग स्कूल बन रहा है. जिसका इस्तेमाल पाकिस्तान की मिलिट्री करेगी.
यह भी माना जा रहा है कि इस एयरफील्ड का इस्तेमाल हेलिकॉप्टर, ड्रोन और अन्य विमानों के लिए किया जाएगा. सबसे बड़ी चिंता की बात ये है कि इस एयरफील्ड का इस्तेमाल चीन और तुर्की से मंगाए गए हमलावर ड्रोन्स के लिए किया जाएगा. क्योंकि यह एयरफील्ड भारतीय सीमा से मात्र 20 km दूर है. यहां से UAV लॉन्च करना आसान होगा.
चीन से मंगाई तोप भी तैनात की गई सीमा पर
पाकिस्तानी सेना ने अपनी 28वीं और 32वीं आर्टिलरी रेजिमेंट्स को चीन से मंगाई गई तोपों से भर दिया है. पाकिस्तान ने चीन से SH-15 Self-Propelled (SP) खरीदा था. चीन ने उसे सस्ते दाम में ये तोप दिए थे. ये दोनों रेजिमेंट पाकिस्तान की दूसरी आर्टिलरी डिविजन में है. जो भारत के पंजाब और राजस्थान सीमा के पास एक्टिव रहती है.
SH-15SP चीन द्वारा बनाई गई स्टेट-ऑफ-द-आर्ट हॉवित्जर तोप है. 2019 में पाकिस्तान ने 236 ऐसी तोपों के लिए चीन से कहा था. फिलहाल पाकिस्तान को 42 तोप मिली हैं. जिन्हें पाकिस्तान ने अपनी आर्मी डे परेड में लोगों के सामने प्रदर्शित भी किया था. पाकिस्तानी सेना तीन आर्टिलरी रेजिमेंट को अपडेट कर रही है. हर एक में 18 तोप होंगे.
क्या है चीन के इस तोप की खासियत?
यह 25 टन की तोप है. जिसकी लंबाई 21.4 फीट है. चौड़ाई 8.9 फीट है. ऊंचाई 11.10 फीट है. इसे चलाने के लिए 6 लोगों को जरूरत पड़ती है. यह 155×52 कैलिबर की तोप है. इसमें सेमी-ऑटोमैटिक वर्टिकल वेज टाइप ब्रीच ब्लॉक तकनीक लगी है. यह 20 से 70 डिग्री के एंगल पर गोले दाग सकती है. यह 360 डिग्री घूमकर गोला दाग सकता है.
यह तोप हर मिनट 4 से 6 गोले दागेगा. अगर पारंपरिक गोलों के साथ इस तोप को चलाते हैं तो इसकी रेंज 20 km है. अगर इसमें रॉकेट असिस्टेड प्रोजेक्टाइल लगाया जाए तो इसका गोला 53 किलोमीटर तक जाता है. इसमें 155 mm का PLL-01 गोला लगता है. यह तोप 6×6 के ट्रक पर तैनात रहता है. यह ट्रक 90 km प्रतिघंटा की गति से चलता है.