एम के न्यूज / महेन्द्र शर्मा
जमशेदपुर
जनजातीय संगठन आदिवासी सेंगेल अभियान (एएसए) ने सरना धर्म को मान्यता देने की अपनी मांग के समर्थन में 30 दिसंबर को सांकेतिक भारत बंद का आह्वान किया।
एएसए के अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने कहा कि सरना धर्म संहिता देश के 15 करोड़ आदिवासियों की पहचान है और इस आदिवासी समुदाय को धर्म की मान्यता नहीं देना ‘संवैधानिक अपराध के समान है’।
उन्होंने कहा कि समुदाय पर दूसरे धर्मों का पालन करने का दबाव बनाना उन्हें धर्म की दासता स्वीकार करने के लिए बाध्य करने की तरह है।
मुर्मू ने कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर आदिवासियों को उनकी धार्मिक स्वतंत्रता से वंचित करने का आरोप लगाया।
उन्होंने दावा किया कि 1951 की जनगणना में सरना धर्म के लिए अलग संहिता थी लेकिन कांग्रेस ने इसे बाद में समाप्त कर दिया, वहीं भाजपा अब आदिवासियों को वनवासी और हिंदू बनाने की कोशिश कर रही है।
मुर्मू ने कहा कि एएसए आदिवासी समुदाय के हितों को सुरक्षित रखने के पक्ष में है। उन्होंने कहा, ”हम उस किसी भी पार्टी को वोट देंगे जो सरना धर्म को मान्यता देती है।”
जम्मू कश्मीर प्रशासन ने केंद्र की शहरी आवास योजना के तहत सब्सिडी बढ़ाने को मंजूरी दी
जम्मू
जम्मू कश्मीर प्रशासन ने केंद्र शासित प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत लाभार्थी आधारित निर्माण (बीएलसी) के लिए सब्सिडी में वृद्धि के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
उप राज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में रात हुई जम्मू कश्मीर की प्रशासनिक परिषद (एसी) की बैठक में पीएमएवाई (शहरी) के बीएलसी के लिए पात्र लोगों के लिए सब्सिडी को मौजूदा 16,666 रुपये से बढ़ाकर 70,326 रुपये करने की मंजूरी दी गई।
बैठक में उप राज्यपाल के सलाहकार राजीव राय भटनागर और मुख्य सचिव अटल डुल्लू भी शामिल थे।
एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि इस योजना में पीएमएवाई (यू) के चिन्हित बीएलसी लाभार्थियों को शामिल किया गया है, जिन्होंने अपनी आवासीय इकाइयों का निर्माण पूरा नहीं किया है। प्रारंभिक चरण में 26,419 परिवारों को लाभ होने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा, प्रस्ताव का उद्देश्य चिन्हित लाभार्थियों को अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्रदान करना है ताकि वे 31 दिसंबर, 2024 तक ‘सभी के लिए आवास’ मिशन की समय सीमा के भीतर अपने घरों का निर्माण पूरा कर सकें।