एम के न्यूज / महेन्द्र शर्मा
नई दिल्ली
केंद्रीय कर्मचारियों (Central Government Employees) के लिए जरूरी खबर है. केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स 7वें वेतन आयोग (7th pay commission) के बाद 8वां वेतन आयोग (8th pay commission) लागू करने की मांग को लेकर काफी समय से प्रदर्शन कर रहे हैं. अब इसको लेकर चर्चा तेज हो गई है कि क्या नए साल में केंद्रीय कर्मचारियों को पे-कमीशन से जुड़ी खुशखबरी मिल सकती है? यह चर्चा इसलिए तेज हो गई है क्योंकि देश में नए साल में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं. कर्मचारी संगठन ये उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार इससे पहले 8वें वेतन आयोग के गठन का ऐलान कर सकती है. लेकिन इसको लेकर सरकार ने पहले ही अपना रुख साफ कर दिया है.
तो चलिए जानते हैं कि लगभग 48.67 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 67.95 लाख पेंशनर्स के लिए आठवां वेतन आयोग (8th Pay Commission) गठित करने की योजना पर सरकार की ओर से क्या संकेत मिल रहे हैं. क्या सच में सरकार केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ये बड़ा ऐलान कर सकती है?
जब वित्तसचिव टी.वी. सोमनाथन से सवाल पूछा गया था कि क्या सरकार केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए 8वें केंद्रीय वेतन आयोग का समय पर गठन सुनिश्चित करने का प्रस्ताव रखती है ताकि इसे 1 जनवरी, 2026 को लागू किया जा सके,तो इसके जवाब में वित्तसचिव ने संसद में कहा कि फिलहाल 8वें वेतन आयोग पर कोई विचार नहीं है.
2013 के आम चुनाव से पहले 7वें वेतन आयोग का गठन
इससे पहले 2013 के आम चुनाव से पहले कांग्रेस के नेतृत्व वाली UPA सरकार ने 7वां वेतन आयोग (7th Pay Commission) गठित किया था. अगले साल 2024 में भी लोकसभा चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में आठवें पे कमीशन लागू करने को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे.
बता दें कि देश में केंद्रीय कर्मचारियों (Central Government Employee) के सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव के लिए हर 10 साल में पे कमीशन का गठन किया जाता है.
1947 से अब तक 7 वेतन आयोग का हो चुका है गठन
जनवरी 1946 में देश में पहला वेतन आयोग गठित हुआ था. वर्ष 1947 से अब तक 7 वेतन आयोग का गठन किया गया है. वहीं, आखिरी यानी सातवां वेतन आयोग 28 फरवरी, 2014 को बना था.
केंद्र सरकार के कर्मचारियों का DA बढ़कर 46% हुआ
7th Pay Commission के तहत कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी (Basic Salary) 18,000 रुपए है. 7वें केंद्रीय वेतन आयोग के अनुसार, केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) 42% से बढ़ाकर 46% कर दी गई है. ये संशोधित दर 1 जुलाई 2023 से लागू है.