एम के न्यूज / महेन्द्र शर्मा
नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को नई दिल्ली में पोंगल उत्सव में शामिल होकर सभी नागरिकों को इस त्योहारी सीजन पर सभी पर्वों की शुभकामनाएं दी। पोंगल के पर्व को एक भारत-श्रेष्ठ भारत की राष्ट्र भावना को दर्शाने वाला पर्व बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, सभी को पोंगल के पर्व की अनेक-अनेक शुभकामनाएं। पोंगल के पवित्र दिन तमिलनाडु के हर घर से पोंगल धारा का प्रवाह होता है। मेरी कामना है उसी तरह आपके जीवन में भी सुख, समृद्धि और संतोष की धारा का प्रवाह निरंतर होता रहे। कल ही देश ने लोहड़ी का पर्व धूमधाम से मनाया है। कुछ लोग आज मकर संक्रांति-उत्तरायण मना रहे हैं, कुछ लोग शायद कल मनाएंगे। माघ बिहू भी बस आने ही वाला है। मैं इन सभी पर्वों की सभी देशवासियों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, शुभकामनाएं देता हूं।
केंद्रीय मंत्री एल. मुरुगन के आवास पर पोंगल उत्सव में शामिल होकर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्हें यहां कई परिचित चेहरे नजर आ रहे हैं, पिछले साल भी हम सब तमिल पुथांडु के अवसर पर यहां मिल चुके हैं।
उन्होंने केंद्रीय मंत्री मुरुगन को इस आयोजन के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्हें इस अद्भुत आयोजन का हिस्सा बनने का अवसर मिला और ये ऐसा है जैसे वे अपने परिवार और दोस्तों के साथ कोई उत्सव मना रहे हैं।
संत तिरुवल्लूवर के संदेश का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अच्छी फसल, पढ़े लिखे व्यक्ति और ईमानदार व्यापारी, ये तीनों मिलकर राष्ट्र निर्माण करते हैं। तिरुवल्लूवर ने पॉलिटिशियन का उल्लेख नहीं किया है, ये हम सबको संदेश है। पोंगल पर्व में ताजी फसल को भगवान के चरणों में समर्पित करने की परंपरा है। इस पूरी उत्सव परंपरा के केंद्र में हमारे अन्नदाता, हमारे किसान हैं। और वैसे भी भारत का हर त्योहार किसी न किसी रूप में गांव से, किसानी से, फसल से जुड़ा हुआ होता है।
उन्होंने कहा कि, मुझे याद है, पिछली बार हमने इस बारे में भी चर्चा की थी कि कैसे हमारे मिलेट्स या श्री अन्न तमिल संस्कृति से जुड़े हुए हैं। मुझे खुशी है कि इस सुपरफूड को लेकर देश में और दुनिया में एक नई जागृति आई है। हमारे बहुत से नौजवान, मिलेट्स- श्री अन्न को लेकर नए स्टार्टअप शुरू कर रहे हैं और ये स्टार्टअप्स आज बहुत पॉपुलर हो रहे हैं। श्री अन्न के उत्पादन से हमारे देश के तीन करोड़ से अधिक छोटे किसान जुड़े हुए हैं। हम श्री अन्न को प्रमोट करते हैं तो सीधे-सीधे इन तीन करोड़ किसानों का भला होता है।
उन्होंने कहा कि पोंगल के अवसर पर तमिल महिलाएं अपने घर के बाहर कोलम बनाती हैं। सबसे पहले वो आटे का इस्तेमाल कर जमीन पर कई डॉट्स बनाती हैं। एक बार जब सारे डॉट्स बन जाते हैं, तो हर एक का एक अलग महत्व होता है। ये तस्वीर ही मन लुभाने वाली होती है। लेकिन कोलम का असली रूप तब और वैभवशाली हो जाता है, जब ये सभी डॉट्स मिला दिए जाते हैं और बड़ी कलाकृति बनाकर इसमें रंग भरा जाता है। हमारा देश और इसकी विविधता भी कोलम के जैसी है। जब देश का कोना-कोना एक दूसरे से भावनात्मक रूप से जुड़ता है, तो हमारी शक्ति, एक अलग रूप दिखाती है। पोंगल का पर्व भी एक ऐसा ही पर्व है, जो एक भारत-श्रेष्ठ भारत की राष्ट्र भावना को दर्शाता है। बीते समय में, काशी-तमिल संगमम और सौराष्ट्र तमिल संगमम अत्यंत महत्वपूर्ण परंपरा शुरू हुई है, और उसमें भी ये भाव प्रकट होता है, ये भावना दिखती है। इन सभी आयोजनों में बहुत बड़ी संख्या में हमारे तमिल भाई-बहन उत्साह से हिस्सा लेते हैं।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को उत्तरायण और भोगी के विशेष अवसर पर भी शुभकामनाएं दी। प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर अलग-अलग पोस्ट कर लोगों को उत्तरायण और भोगी के विशेष अवसर पर अपनी शुभकामनाएं दी।