एम के न्यूज / महेन्द्र शर्मा
नई दिल्ली
भारत और चीन के सैनिकों के बीच अप्रैल-मई 2020 में LAC पर हुई तनातनी के बाद स्थिति अभी भी तनातनी वाली है। इस घटना के बाद भारत ने एलएसी पर सैनिकों के साथ-साथ सैन्य साजों समान की तैनाती बढ़ाकर निगरानी और सख्त कर दी है ताकि ड्रैगन की किसी भी नापाक गतिविधियों को रोका जा सके।
इस बीच सेना की पश्चिमी कमांड ने सैन्य सम्मान का एक वीडियो यूट्यूब पर अपलोड किया। 13 जनवरी को दिए गए इस सम्मान वाले वीडियो के बाद सोशल मीडिया पर जमकर चर्चा छिड़ गई। चीन के साथ LAC पर 3,488 किलोमीटर की सीमा पर दोनों देशों की सेनाओं की बड़ी तैनाती है। भारत ने भी चीन की किसी भी हरकत को दबाने के लिए इन इलाकों में बड़ी संख्या में सेना की तैनाती कर रखी है। पूर्वी लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक भारतीय जवान तैनात हैं हालांकि, सेना के इस वीडियो के बाद सोशल मीडिया पर जमकर चर्चा छिड़ गई। इसके बाद सेना मुख्यालय हरकत में आता है और फिर इस वीडियो को डिलीट करा दिया गया।
वीडियो में क्या था
वीडियो में भारतीय सैनिकों की वीरता का जिक्र था। इसके अलावा LAC पर अभी तक नहीं बताई गई जानकारी का भी जिक्र था। जैसे ही ये वीडियो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना वैसे ही सेना मुख्यालय हरकत में आ गया। पश्चिमी कमांड के गुप्त जानकारी और अभियान की जानकारी वीडियो पर डालने को लेकर सैन्य मुख्यालय ने कोई बयान जारी नहीं किया है। सैन्य मुख्यालय से जब इस बारे में जानकारी मांगी गई तो मुख्यालय ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया।
वीडियो में सितंबर 2021 और नवंबर 2022 में भारतीय सैनिकों के जांबाज हौसले का जिक्र किया गया था। वीडियो में एलएसी पर भारतीय सैनिकों के अदम्य हौसले को सलाम किया गया है। गौरतलब है कि एलएसी पर भारतीय सैनिकों और चीनी सैनिकों के बीच अक्सर हाथापाई की घटना होती रही है। 5-6 मई 2020 को पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग झील के किनारे एक बड़ी घटना हुई थी। इसके बाद 15 जून को गलवान में खूनी संघर्ष हुआ था। जिसमें कर्नल संतोष बाबू समेत 20 जवान वीरगति को प्राप्त हुए थे।