एम के न्यूज / महेन्द्र शर्मा
अयोध्या अयोध्या राम मंदिर में स्थापित होने वाली राम लला की मूर्ति को कर्नाटक के मूर्तिकार अरूण योगीराज ने तैयार किया है। यही मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा के लिए चयनित की गई है और प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 16 जनवरी 2024 से शुरू हो जाएगा। सात दिनों तक यह कार्यक्रम जारी रहेगा। मंदिर ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने बताया कि अरूण योगीराज द्वारा तैयार की गई मूर्ति को ही चयनित किया गया है और इसी की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।
राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा का पूरा शेड्यूल
- 16 जनवरी से प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की हुई शुरूआत , मंदिर ट्रस्ट कार्यक्रम को होस्ट करेगा।
- 17 जनवरी को राम लला की मूर्ति अयोध्या पहुंचेगी। श्रद्धालु सरयू जल मंगल कलश में लेकर राम मंदिर पहुंचेंगे।
- 18 जनवरी गणेश अंबिका पूजन से कार्यक्रम की विधिवत शुरूआत होगी। इसके बाद वरूण पूजा, मातृका पूजा, ब्राह्मण वरण और वास्तु पूजा होगी।
- 19 जनवरी नवग्रह और हवन के लिए पवित्र अग्नि प्रज्जवलित कर दी जाएगी।
- 20 जनवरी कोो राम जन्मभूमि मंदिर को सरयू जल से धोया जाएगा। वास्तु शांति और अन्नदिवस पूजा की जाएगी।
- 21 जनवरी को राम लला को स्नान कराया जाएगा और मूर्ति को वैदिक रीति से स्थापित किया जाएगा।
- 22 जनवरी को 12.30 बजे से प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम शुरू होगा। 150 देशों के लोग शामिल होंगे।
15-200 किलो वजनी पत्थर से बनी मूर्ति
अयोध्या में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए मंदिर ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने बताया कि दूसरे सभी मूर्तियों में से अरूण योगीराज की मूर्ति का चयन किया गया है। यह मूर्ति तैयार करने मे करीब 150-200 किलो पत्थर का इस्तेमाल किया गया है। मूर्ति भगवान राम के 5 वर्ष की अवस्था को दर्शाने वाला है। उन्होंने यह भी कहा कि जिस राम लला की पूजा पिछले 70 वर्षों से की जा रही है, उन्हें भी गर्भ गृह में ही स्थापित किया जाएगा। प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 22 जनवरी 2024 को संपन्न होगा और 16 जनवरी से कार्यक्रम की शुरूआत हो जाएगी।
शीशम के पलंग पर सोएंगे प्रभु राम
16 जनवरी से शुरू हो रहा अनुष्ठान में रामलला के विग्रह के अधिवास अनुष्ठान होंगे. इसके बाद गर्भगृह में रामलला के विग्रह का प्रवेश, गणेश पूजन, यज्ञ कुंड की स्थापना, गर्भगृह का पवित्रीकरण, प्रभु का शैय्या अधिवास और फिर विग्रह की सिंहासन पर स्थापना की जाएगी.
इस तरह प्रभु राम के विग्रह की जीवन कारक द्रव्यों के अलावा शैय्या अधिवास की विशेष योजना है. इस प्रक्रिया में रामलला को शीशम के नवनिर्मित पलंग पर शयन कराया जाएगा. इसके लिए विशेष गद्दा, रजाई, चादर व तकिया आदि भी तैयार किए गए हैं. प्रभु का शैय्या अधिवास 21 जनवरी को रात्रि में होगा. रामलला के आसन का भी विशेष पूजन किया जाएगा.
ये प्रमुख आचार्य कराएंगे अनुष्ठान
राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठानों को विद्वान आचार्य संपन्न कराएंगे. इसमें आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्राविड़, प्रमुख आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित, अरुण दीक्षित, सुनील दीक्षित, दत्तात्रेय नारायण रटाटे, गजानन जोतकर, अनुपम दीक्षित शामिल हैं.
प्राण प्रतिष्ठा का शेड्यूल
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. 22 जनवरी को कूर्म द्वादशी के दिन दोपहर 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकंड से 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड के बीच मृगशिरा नक्षत्र में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी. काली शिला से बनी रामलला की मूर्ति 51 इंच लंबी है. जिसका वजन करीब डेढ़ सौ से दो सौ किलो के बीच है. यह मूर्ति प्रभु राम के 5 वर्षीय बालक रूप की है, जिसमें वे धनुष-बाण से सुसज्जित हैं.