एम के न्यूज / महेन्द्र शर्मा
अयोध्या
अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है. इसे लेकर देशभर में भक्तों का उत्साह बढ़ा हुआ है. लेकिन इस बीच विपक्ष राम मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हुए बगैर प्राण प्रतिष्ठा कराने को लेकर निशाना साधता रहा है. ऐसे में अयोध्या राम मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र ने कहा कि मंदिर तो बन गया है.
नृपेंद्र मिश्र ने कहा कि राम मंदिर निर्माण का कार्य पूरा हो गया है. रामलला के मंदिर में गर्भगृह होगा, यहां पांच मंडप होंगे. मंदिर ग्राउंड फ्लोर पर होगा. मंदिर बनकर पूरा हो गया है.
हालांकि, उन्होंने कहा कि मंदिर के फर्स्ट फ्लोर में अभी थोड़ा काम बचा है. यहां राम दरबार होगा. मंदिर का दूसरा फ्लोर अनुष्ठान के लिए हैं. यहां अलग-अलग तरह के यज्ञ और अनुष्ठान होंगे.
उन्होंने बताया कि 22 जनवरी को दोपहर लगभग 12.30 बजे मुहूर्त होगा. इससे पहले पूजा विधि शुरू कर दी गई है और शायद कल रामलला को गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा.
भगवान राम कैसे राजनैतिक हो सकते हैं?
यह सवाल पूछने पर कि राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठान को एक तरह से राजनैतिक मुद्दा बना दिया गया है. इस पर नृपेंद्र मिश्र ने कहा कि मुझे एक बात समझ नहीं आती, क्या भगवान राम राजनैतिक बन गए हैं या फिर उनके भक्त उन्हें राजनैतिक बना रहे हैं. सवाल ये है कि क्या भगवान राम राजनैतिक हो गए हैं?
उन्होंने कहा कि क्या भगवान राम राजनैतिक बनने के बाद अलग-अलग लोगों को अलग-अलग दृष्टि से देख रहे हैं? क्या वो अलग-अलग लोगों को अलग-अलग तरीके से आशीर्वाद दे रहे हैं? हम उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम मानते हैं. अगर वो मर्यादा पुरुषोत्तम हैं तो उन्हें राजनीति से कैसे जोड़ा जा सकता है? ये हमारा नजरिया है कि हम इसे राजनीतिक समझ रहे हैं जबकि भगवान की दृष्टि में तो सब समान हैं और वो यथावथ ही रहेंगे.
वहीं, लक्ष्मण सेवा के अध्यक्ष रामजी गुप्ता ने बताया कि रामलला की योगीराज द्वारा बनाई गई मूर्ति को ट्रक में रखा गया है. मूर्ति इतनी भारी थी की क्रेन के सहारे उसे ट्रक में लेटाकर रखवाया गया है. मूर्ति को उस समय निकाला जाएगा, जब सन्नाटा होगा और भीड़-भाड़ नहीं होगी. माना जा रहा है कि देर रात मूर्ति को निकाला जा सकता है. मूर्ति का भ्रमण कराने के बाद इसे राम मंदिर परिसर में दाखिल किया जाएगा. बता दें कि रामजी गुप्ता ने राम मंदिर आंदोलन में विशेष भूमिका निभाई थी और विश्व हिंदू परिषद से भी जुड़े रहे हैं.
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य और निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेंद्र दास और पुजारी सुनील दास ने अयोध्या के राम मंदिर के गर्भगृह में पूजा की.
बता दें कि 22 जनवरी को श्रीराम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. इससे पहले 16 जनवरी के राम लला की पुरानी और नई दोनों मूर्तियां नए राम मंदिर में स्थापित की जाएंगी. इसके अतिरिक्त, भगवान राम की मूर्ति का नेत्र आवरण 22 जनवरी को पीएम मोदी द्वारा खोला जाएगा. 22 जनवरी को प्राण-प्रतिष्ठा से पहले पीएम मोदी ने इस अवसर पर श्रद्धा रखते हुए सभी धार्मिक प्रोटोकॉल और प्रक्रियाओं का पालन करने की प्रतिबद्धता जताई है. वहीं, पीएम मोदी ही भगवान राम का नेत्रपट खोलेंगे.
वहीं, राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देश में सियासत भी जारी है. कांग्रेस और AAP सहित विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि भारतीय जनता पार्टी इस मुद्दे का राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश कर रही है.