एम के न्यूज / महेन्द्र शर्मा
BJP ने लोकसभा चुनाव में Haryana की सभी दस सीटों पर जीत हासिल करने के लिए नए सिरे से तैयारी शुरू कर दी है। सत्ता विरोधी लहर को ध्यान में रखते हुए BJP ने नई रणनीति तैयार की है। Modi लहर में BJP पुराने चेहरों के बजाय नए चेहरों को मैदान में उतार रही है।
BJP ने एक बार फिर तीन दिग्गजों राव इंद्रजीत सिंह, कृष्ण पाल गुर्जर और चौधरी धर्मबीर सिंह पर भरोसा जताया है, जबकि उसने दो मौजूदा सांसदों के टिकट रद्द करके नए चेहरों पर दांव खेला है।
इससे पहले हिसार के सांसद बृजेंद्र सिंह टिकट न मिलने के डर से पहले ही पार्टी छोड़ चुके हैं। बाकी चार सीटों पर मुद्दा अभी भी अटका हुआ है, संभावना है कि BJP इन चार सीटों पर भी नए उम्मीदवारों की तलाश कर रही है, ऐसे में मौजूदा सांसदों के टिकट कटने का सिलसिला लगभग तय है।
मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने के लिए BJP ने Haryana की सभी दस लोकसभा सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए राज्य सरकार के साथ-साथ आलाकमान ने भी अपनी पूरी ताकत लगा दी है। Haryana को लेकर BJP आलाकमान कितना गंभीर है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसने खुद मुख्यमंत्री Manohar Lal को मैदान में उतारा है।
इसके साथ ही BJP ने स्पष्ट संकेत दिया है कि Manohar Lal अब केंद्रीय राजनीति करेंगे। इसी तरह, अशोक तंवर पर एक बड़ा दांव खेला गया है, जो Congress के प्रदेश अध्यक्ष और सिरसा से सांसद थे। वर्तमान में हुड्डा के गढ़ रोहतक और सोनीपत में उम्मीदवारों को अंतिम रूप देने का मुद्दा अटका हुआ है। अरविंद शर्मा और रमेश कौशिक यहाँ से सांसद हैं।
सोनीपत के सांसद की एक CD सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद उनका टिकट रद्द होना तय है। इसके अलावा अरविंद शर्मा की सीट बदली जा सकती है, उन्हें सोनीपत भेजा जा सकता है। रोहतक में अभिनेता रणदीप हुड्डा का नाम चर्चा में है। इसी तरह कुरुक्षेत्र और हिसार में भी समस्या है।
AAP ने पहले ही कुरुक्षेत्र से सुशील गुप्ता को मैदान में उतारा है, BJP उद्योगपति नवीन जिंदल को मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है, लेकिन इसे अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है। हिसार से कुलदीप बिश्नोई के नाम की चर्चा हो रही है।
हिसार और भिवानी सीटों पर जेजेपी के साथ BJP का गठबंधन टूट गया है। JJP अपने खाते में दोनों सीटों की मांग कर रही थी, लेकिन BJP ने इनकार कर दिया। ऐसी संभावना है कि शेष चार सीटों के लिए भी इस सप्ताह उम्मीदवारों की घोषणा की जाएगी।
रैली और सर्वेक्षण के माध्यम से टिकट तय किए गए
BJP आलाकमान ने सांसदों को उनके रिपोर्ट कार्ड के अनुसार टिकट दिए हैं। पिछले साल सभी सांसदों ने आलाकमान के आदेश पर रैलियां की थीं। इसमें केंद्रीय मंत्री शामिल थे। रैलियों में एकत्रित भीड़ के आधार पर सांसदों को अंक दिए गए। इसके अलावा, एक आंतरिक सर्वेक्षण किया गया था। इसमें सुनीता दुग्गल और संजय भाटिया की रिपोर्ट खराब पाई गई। क्षेत्र में कम गतिविधि और सत्ता विरोधी लहर के कारण दोनों को टिकट नहीं दिया गया। पिछली बार संजय भाटिया ने 6.50 लाख वोटों से जीतकर रिकॉर्ड बनाया था।
राव का ब्रेक नहीं मिला
वहीं BJP को अहिरवाल में राव इंद्रजीत से कुछ समर्थन मिला, इसलिए उसने उन्हें तीसरी बार मैदान में उतारा है। इसी तरह कृष्ण पाल गुर्जर और धर्मबीर सिंह को जातिगत समीकरणों को संतुलित करने का मौका दिया गया है।
BJP ने अंबाला से रतनलाल कटारिया की पत्नी को टिकट देकर भावनात्मक कार्ड खेला है। कटारिया के निधन के बाद BJP को उम्मीद है कि उसे Modi लहर और सहानुभूति के रूप में वोट मिल सकते हैं।