
मुंबई. महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र को लेकर सियासत घमासान मच गया है. शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता संजय राउत ने छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती के अवसर पर औरंगजेब की कब्र को लेकर चल रहे विवाद और हिंदू संगठनों के आंदोलन पर तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि आंदोलन की कोई जरूरत नहीं है और यह महज एक राजनीतिक नाटक है.
सोमवार को संजय राउत ने कहा, “औरंगजेब की कब्र है. यह शौर्य का प्रतीक है. कभी टूटनी नहीं चाहिए. छत्रपति शिवाजी महाराज ने औरंगजेब से इतना बड़ा युद्ध किया. उनके बाद भी औरंगजेब 25 साल तक लड़ता रहा लेकिन कभी जीत नहीं सका. महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र है. यह मराठों के शौर्य का प्रतीक है.”
“यह मराठों के शौर्य का प्रतीक, इतिहास है, इसे ऐसा ही रहना चाहिए”
संजय राउत ने कहा कि औरंगजेब हो या अफजल खान की कब्र यह यह मराठों के शौर्य का स्मारक है. आने वाली पीढ़ियों को पता चलना चाहिए कि शिवाजी महाराज और मराठों ने किस तरह आक्रामक दुश्मनों से लड़ाई लड़ी, लेकिन वे मराठों पर हावी नहीं हो सके. यह इतिहास है और इसे ऐसा ही रहना चाहिए.
शिवसेना नेता संजय राउत ने औरंगजेब की कब्र को शौर्य का प्रतीक बताते हुए इसे नहीं टूटने की बात कही. इसपर दूसरे नेताओं ने भी प्रतिक्रिया दी है.
दूसरा पाकिस्तान बनाना चाहते है संजय राउत: प्रमोद कृष्णम
संजय राउत के बयान पर पूर्व कॉंग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम का बयान भी सामने आया है. प्रमोद कृष्णम ने कहा कि संजय राउत, राहुल गांधी के साथ मिलकर इस देश को तोड़ने की साजिश कर रहे हैं. वे दूसरा पाकिस्तान बनाना चाहते हैं और राहुल गांधी को उसका प्रधानमंत्री बनाना चाहते हैं.
बता दें , कि औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग पर महाराष्ट्र-गोवा विश्व हिंदू परिषद क्षेत्र प्रमुख गोविंद शेंडे ने रविवार को कहा था कि कुछ लोग औरंगजेब की तारीफ करने में लगे हैं. मैं कहना चाहता हूं कि वह देश का आइकॉन नहीं हो सकता है. औरंगजेब ने देश पर बहुत अत्याचार किया.
हिन्दुओं पर अत्याचार किया. अपने पिता के साथ अत्याचार किया. ऐसे क्रूर व्यक्ति को कोई भी चिह्न इस देश में अब सहन नहीं किया जाएगा. इसलिए हम सरकार से अपील कर रहे हैं कि हिन्दुओं की भावना को समझते हुए औरंगजेब की कब्र को वहां से हटाए.