
वाराणसी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को मेंहदीगंज जनसभा स्थल से बनास (अमूल) से जुड़े प्रदेश के दो लाख 70 हजार किसानों को 106 करोड़ का बोनस राशि बटन दबाकर उनके बैंक खातों में ट्रांसफर किया. इस दौरान गुजरात विधानसभा के अध्यक्ष व बनास डेरी के चेयरमैन शंकर भाई चौधरी भी मंच पर मौजूद रहें. इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने तीन जीआई उत्पादों को सर्टिफिकेट व 70 प्लस तीन बुजुर्गों को अपने हाथ से आयुष्मान कार्ड भी उपलब्ध कराये. आयुष्मान कार्ड हाथों में मिलते ही बुजुर्गों के चेहरे खुशी से खिल उठे. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बटन दबाकर अपनी काशी को 3884.18 करोड़ की कुल 44 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास कर सौगात दी. उन्होंने पुलिस लाइन परिसर में तैयार ट्रांजिट हास्टल, रामनगर पुलिस बैरक, कुरू में तैयार राजकीय पालीटेक्निक समेत 1629.13 करोड़ की लागत से पूर्ण 19 परियोजनाएं सौंपने के साथ ही बाबतपुर के पास एनएच-31 अंडर पास टनल, यनिटी माल समेत 2255.05 करोड़ की लागत वाली 25 परियोजनाओं की नींव भी रखी.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘पार्वती पतये नमः’ से अपना संबोधन शुरू करते हुए काशीवासियों को अपने परिवार का सदस्य बताया, कहा कि काशी हमार हौ, हम काशी के हई. आप सब लोग यहां हमें आपन आशीर्वाद देला. हम ई प्रेम के कर्जदार है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि काशी के विकास ने नई गति पकड़ी है. इसने आधुनिक विरासत को संजोया है और भविष्य को उज्ज्वल बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है. काशी प्रगतिशील भी है. आज काशी सिर्फ पुरातन नहीं मेरी काशी प्रगतिशील भी है. पूर्वांचल के आर्थिक नक्शे के केंद्र में है. काशी के स्वयं महादेव रखवाले हैं. उन्होंने कहा कि पूर्वांचल के अनेक हिस्सों में जुड़ी ढेर सारी परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है. कनेक्टिविटी को मजबूती देने वाले अनेक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट गांव-गांव, हर घर नल से जल पहुंचने का अभियान शिक्षा स्वास्थ्य और खेल सुविधाओं का विस्तार और हर क्षेत्र हर परिवार हर युवा को बेहतर सुविधाएं देने का संकल्प. यह सारी बातें, यह सारी योजनाएं पूर्वांचल को विकसित पूर्वांचल बनाने की दिशा में मिल का पत्थर बनने वाली है. काशी के हर निवासी को इन योजनाओं से खूब लाभ मिलेगा. इन सभी विकास कार्यों के लिए बनारस के लोगों सहित पूर्वांचल के लोगों को बधाई दी. पीएम मोदी ने कहा सामाजिक चेतना के प्रति महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती भी है. महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले जी ने जीवन भर नारी शक्ति के ही आत्मविश्वास और समाज कल्याण के लिए संकल्पित रहे. उनके विचारों को, उनके संकल्पना को नारी सशक्तिकरण के उनके आंदोलन को आगे बढ़ा रहे हैं. नई ऊर्जा दे रहे हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि सबका साथ सबका विकास के संकल्प को आगे बढ़ा रहे हैं. महात्मा फुले जी जैसे त्यागी तपस्वी महापुरुषों के प्रेरणा से ही देश सेवा का हमारा मंत्र रहा है. सबका साथ सबका विकास हम देश के लिए उसे विचार को लेकर के चलते हैं. जिसका समर्पित भाव है सबका साथ सबका विकास. जो लोग सत्ता पाने के लिए दिन रात खेल-खेलते रहते हैं उनके सिद्धांत हैं परिवार का साथ, परिवार का विकास. सबका साथ सबका विकास के संकल्प को साकार करने की दिशा में पूर्वांचल के पशुपालक परिवारों को विशेष रूप से आगे बढ़ाया जा रहा हैं. उन्होंने महिलाओं को संबोधित करते हुए मेहनतकश बहनों को विशेष बधाई देते हुए कहा कि इन बहनों ने बता दिया है, अगर भरोसा किया जाए तो वह भरोसा नया इतिहास रच देता है यह पहले आप पूरे पूर्वांचल के लिए नई मिसाल बन चुकी हैं. बनास डेरी प्लांट से जुड़े सभी पशुपालक साथियों को बोनस वितरित किया गया है, जो 100 करोड़ रुपये से ज्यादा आपके पसीने का आपका परिश्रम का तोहफा है. पीएम मोदी ने काशीवासियों से कहा कि जब आपने हमें तीसरी बार आशीर्वाद दिया तो सेवक के रूप में अपने कर्तव्य को निभाने का प्रयास कर रहा हूं. मेरी गारंटी थी बुजुर्गों का इलाज मुफ्त होगा. इसका परिणाम है आयुष्मान वय वंदना योजना. यह सिर्फ इलाज के लिए नहीं, उनके सम्मान के लिए है. अब इलाज के लिए जमीन बेचने की जरूरत नहीं. इलाज के लिए कर्ज लेने की मजबूरी नहीं. दर दर भटकना नहीं. अपने इलाज के लिए पइसा क चिंता न करा. आयुष्मान कार्ड से आपके इलाज के पइसा चल जाई. उन्होंने कहा कि अगले कुछ माह में जब सारे प्रोजेक्ट पूरे हो जाएंगे तब रफ्तार भी बढ़ेगी और कारोबार भी बढ़ेगा. बनारस चुनिंदा शहरों में होगा जहां ऐसी सुविधा होगी.
बनारस में इंफ्रा स्ट्रक्चर का कोई कार्य होता है. उसका लाभ पूर्वांचल के नौजवानों को मिलता है. पीएम मोदी ने कहा कि देश विकास व विरासत दोनों एक साथ लेकर चल रहा है. इसका सबसे बड़ा मॉडल काशी में बन रहा है. यहां गंगा का प्रवाह है और भारत की चेतना का भी प्रवाह है. बनारस की आत्मा इसी विविधता में बसती है. काशी के हर मोहल्ले में अलग संस्कृति व एक अलग रंग दिखता है. उन्होंने जीआइ टैगिंग की खासियत बताते हुए कहा कि काशी तमिल संगमम जैसे आयोजन से एकता का सूत्र मजबूत हो रहा है . अब तो एकता माल भी बनने जा रहा है, जिसमें अलग-अलग जिलों को उत्पाद मिलेंगे. बीते दिनों में काशी ने अपना आर्थिक नक्शा भी बदला है. काशी सिर्फ संभावनाओं की नहीं संकल्प व सामर्थ की भूमि बन रही. उत्पादों को जीआइ टैग मिल रहे. यह सिर्फ टैग नहीं, यह उत्पाद की पैदाइश पुष्ट करती है. जहां जीआइ टैग होता है वहां के बाजारों में बुल्ंदियों का रास्ता खुलता है. आज यूपी पूरे देश में जीआइ टैगिंग में नंबर वन है. हमारे हुनर की तेजी से अंतरराष्ट्रीय पहचान बन रही है. अब तक वाराणसी व आसपास के जिलों में 21 से ज्यादा उत्पादों को जीआइ टैग मिला है. बनारस के तबला, शहनाई, ठंडई, लाल पेड़ा, तिरंगा बर्फी, दीवार पेंटिंग समेत अनेक जिलों के उत्पादों को टैग मिला है.
प्रधानमंत्री ने लखपति दीदी का उल्लेख करते हुए कहा कि जहां पहले गुजारे की चिंता थी, आज कदम खुशहाली की ओर बढ़ रहे हैं. यह तरक्की बनारस, यूपी के साथ पूरे देश में दिख रही. आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश है. दस साल में 75 प्रतिशत वृद्धि हुई है. यह सफलता एक दिन में नहीं मिली. उन्होंने डेरी सेक्टर को मजबूत बनाने पर जोर देते हुए कहा कि बीते दस साल में हम डेरी सेक्टर को मिशन मोड में आगे बढ़ा रहे हैं. पशुपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी. लोन की सीमा बढ़ाई. सब्सिडी व्यवस्था की. खुरपका, मुंहपका आदि से पशुधन बचाने के लिए मुफ्त वैक्सीन प्रोग्राम चलाया जा रहा है. दुग्ध का संगठित कलेक्शन के लिए देश के 20 हजार से ज्यादा सहकारी समितियों को फिर से खड़ा किया गया है. इसमें लाखों नए सदस्य जोड़े गए हैं ताकि डेरी सेक्टर से जुड़े लोगों को एक साथ जोड़ कर आगे बढ़ाया जा सके.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग सत्ता पाने के लिए खेल खेलते रहते हैं उनका लक्ष्य है परिवार का साथ परिवार का विकास. मेरा लक्ष्य है सबका साथ सबका विकास. इस दिशा में ही बोनस वितरित किया गया है. यह उपहार नहीं आपकी तपस्या का परिणाम है. आपके पसीने का, आपके परिश्रम का तोहफा है. उन्होंने हनुमत जयंती की लोगो को बधाई देते हुए कहा कि यह मेरे लिए सौभाग्य है जो इस मौके पर काशी आने का अवसर मिला. काशी ने विरासत को संजोया है. भविष्य को उज्जवल बनाने की दिशा में मजबूत कदम रखे हैं. आज काशी सिर्फ पुरातन नहीं, मेरी काशी प्रगतिशील भी है. काशी अब पूर्वांचल के आर्थिक नक्शे के केंद्र में है.
इससे पूर्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 70 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिक दिनेश कुमार रावत, राजीव कुमार, राजेंद्र प्रसाद, दुर्गावती देवी को आयुष्मान कार्ड तथा जी आई के लाभार्थी रमेश कुमार को बनारस शहनाई अनिल कुमार क्राफ्ट, लखीमपुर खीरी की छित्तू को प्रमाण पत्र उपलब्ध कराए.
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली विधानसभा चुनावों में ऐतिहासिक विजय के साथ ही दिव्य और भव्य महाकुंभ के आयोजन के उपरांत प्रधानमंत्री की यह पहली काशी यात्रा है. दिव्य और भव्य महाकुंभ के इस आयोजन में काशी भी इसका साक्षी बना। देश और दुनिया से आने वाला हर श्रद्धालु पिछले 11 वर्ष में प्रधानमंत्री के नेतृत्व और मार्गदर्शन में इस नई काशी और बाबा विश्वनाथ की पावन धरा को नए कलेवर के रूप में देखने को उतावला दिखाई दे रहा था। 45 दिनों के इस आयोजन के अवसर पर काशी में भी एक महा समागम दिखाई दे रहा था और इस दौरान 3 करोड़ से अधिक श्रद्धालु यहां पर आकर बाबा विश्वनाथ के पावन धाम में दर्शन करके पुण्य के भागीदार बने. महाकुंभ की सफलता, उसकी भव्यता और उसकी दिव्यता प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन और नेतृत्व में एक नई ऊंचाई को छूती हुई दिखाई दी. यह सब संभव हुआ है स्वच्छता के प्रति प्रधानमंत्री ने जो गाइडलाइन दी और सुरक्षा के प्रति सतर्कता के बारे में जो निर्देश दिए उसका पालन करके. उन्होंने कहा कि नमामि गंगे परियोजना के बाद हर श्रद्धालु जिसने मां गंगा, मां यमुना और मां सरस्वती की त्रिवेणी में डुबकी लगाई उसने अपने आप को अभिभूत होता हुआ पाया. नमामि गंगे परियोजना की सफलता के कारण महाकुंभ भी आज सफल हुआ है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि काशी और उत्तर प्रदेश के उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री जी के प्रयास सार्थक साबित हुए हैं. काशी और उसके अगल-बगल के जनपदों को सर्वाधिक जीआई टैग अब तक प्राप्त हो चुके हैं और उत्तर प्रदेश, देश के अंदर जीआई टैग में नंबर एक स्थान हासिल कर रहा है. स्थानीय हस्तशिल्पियों और कारीगरों के उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान दिलाने के लिए यह प्रयास किए गए हैं. यही नहीं, आयुष्मान भारत एक गरीब को स्वास्थ्य की सुविधा उपलब्ध कराने में मील का पत्थर साबित हुआ है. देश के अंदर 50 करोड़ से अधिक लोग तो उत्तर प्रदेश में 10 करोड़ से अधिक लोग इस योजना से सीधे-सीधे लाभान्वित हुए हैं. उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि देश के अंदर अब तो वय वंदना योजना कार्ड के माध्यम से 70 वर्ष से अधिक उम्र के प्रत्येक बुजुर्ग को पांच लाख की स्वास्थ्य सुविधा प्रदान की गई है और काशी में अब तक 50 हजार से अधिक बुजुर्गों ने इसका कार्ड भी बनवाया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि काशी के विकास से जुड़ी हुई महत्वपूर्ण परियोजना बनास डेयरी के माध्यम से यहां के अन्नदाता किसानों और पशुपालकों को जोड़ने का अभिनव कार्य हुआ है. उस कार्यक्रम के तहत उन पशुपालकों को बोनस भी आज प्रधानमंत्री के कर कमलों से प्रदान किया जा रहा है, जिन्होंने बनास डेयरी की काशी की इस इकाई से जुड़कर वैल्यू एडिशन के माध्यम से लाभांश अर्जित किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि काशी की इन सभी योजनाओं को, चाहे वह पर्यटन से जुड़ी हों, शिक्षा से जुड़ी हों, स्वास्थ्य से जुड़ी हों, कनेक्टिविटी से जुड़ी हो या फिर अन्नदाता किसान और हस्तशिल्पियों से जुड़ी हों, इन सभी के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उनकी अपनी काशी में काशीवासियों व प्रदेशवासियों की ओर से आभार प्रकट किया.
बता दे, कि प्रधानमंत्री का अपने संसदीय क्षेत्र काशी से विशेष लगाव हैं. उनको जब भी मौका मिलता है, वह काशी पहुंच जाते हैं और काशीवासियों से संवाद करने के साथ ही उन्हें भारी भरकम विकास परियोजनाओं का सौगात जरूर देते है. वह लगभग 11 वर्ष में 50वीं बार शुक्रवार को काशी पहुंचे.