
वाराणसी. वाराणसी में 12 अप्रैल को हुए एक कथित हमले की खबरों ने सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में सनसनी फैला दी थी। बताया जा रहा था कि “बनारस वाले मिश्रा जी” उर्फ हरीश मिश्रा पर करणी सेना द्वारा हमला किया गया, लेकिन अब सामने आई जानकारी इस दावे को पूरी तरह से नकारती है.
पाण्डेयपुर निवासी अविनाश मिश्रा ने एक प्रेस वार्ता में बताया कि वे मां करणी के उपासक हैं और उन्होंने केवल एक “स्वस्थ बातचीत” के उद्देश्य से अपने मित्र स्वास्तिक के साथ हरीश मिश्रा से मिलने गए थे. उनका कहना है कि हरीश मिश्रा द्वारा मां करणी को लेकर अभद्र भाषा का उपयोग किया गया था, जिससे आहत होकर वे बात करने गए थे. लेकिन वहां समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं और हरीश मिश्रा द्वारा उन पर जानलेवा हमला किया गया.
अविनाश ने बताया कि वे बीटेक पास हैं और उनका अब तक कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं रहा है. वे समाज में सामाजिक जागरूकता के कार्यों में सक्रिय रहते हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें राजनीतिक साजिश के तहत “हमलावर” करार दिया जा रहा है, जो पूरी तरह से अनुचित है.
समर्थन में उतरे सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि
पत्रकारवार्ता में साधना फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सौरभ मौर्य ने कहा आज के परिवेश में बनारस वाले मिश्रा जी उर्फ हरीश मिश्रा जो कि पिछले कई वर्षों से सनातन विरोधी भाषा का इस्तेमाल करते आ रहे हैं जिससे सभी सनातनी भाइयों को उनके प्रति शुरू से ही रोष रहा है और अब वह समाजवादी पार्टी के सदस्य हो गए हैं जहां से उन्हें और भी बल मिल रहा है और उनके द्वारा लगातार लोगों को उकसाने और भड़काने का कार्य किया जा रहा है. डॉ सौरभ मौर्या ने यह भी स्पष्ट किया है कि अविनाश मिश्रा द्वारा उस दिन भी एक स्वस्थ बातचीत करने के लिए पहल की गई थी, मगर हरीश मिश्रा एवं समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा उनके ऊपर जानलेवा हमला किया गया और सिर्फ हमला ही नहीं किया गया बल्कि जान से मारने की कोशिश भी की गई, यहां तो वाराणसी पुलिस के सिगरा थाने के अधिकारियों के हस्तक्षेप से अविनाश मिश्रा और उसके सहयोगी स्वास्तिक की जान बची.
भोजपुरी समाज ने भी किया विरोध
भोजपुरी समाज के युवा प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष समर बहादुर सिंह ने अविनाश मिश्रा एक साधारण व्यक्ति है जिसका किसी भी जो संगठन एवं राजनीतिक दल से कोई लेना-देना नहीं है वह सिर्फ अपनी बात को रखने गया था जहां पर उसके साथ इस तरीके का जघन्य अपराध किया गया. समर बहादुर सिंह ने कहा कि भोजपुरी समाज वाराणसी प्रशासन से यह मांग भी करती है कि जिस प्रकार हरीश मिश्रा और समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा अविनाश मिश्रा के ऊपर लोहे के रॉड, ईट एवं पत्थर से हमला किया गया, जो कि इसकी पुष्टि सीसीटीवी कैमरे से भी साफ की जा सकती है जो की पूरी तरीके से समाज में गलत संदेश दे रहा है. समर बहादुर सिंह ने ये भी कहा कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से निवेदन है कि यदि उन्हें वोट के लिए ब्राह्मण चेहरा ही चाहिए तो हरीश मिश्रा से कई लाख गुने अच्छे चेहरे हैं जो उनकी पार्टी को और बेहतर बना सकते हैं, क्योंकि हरीश मिश्रा का व्यक्तित्व समाज के लिए किसी कैंसर से कम नहीं है और यह व्यक्ति शुद्ध रूप से समाज में अराजकता फैलाने वाला व्यक्ति है, और सिर्फ अपनी सस्ती लोकप्रियता के कारण हिंदू समाज को बांटने का काम करता है.
समाज सेविका प्रिया सिंह ने कहा समाज में भाईचारा खत्म हो गया है कारण सिर्फ गंदी राजनीति, राजनीति पद पाने की आड़ में कुछ लोग इस तरह से गिर चुके है उन्हें खुद को हाईलाइट करने के लिए कभी धर्म पर कुछ बोल देना तो कभी किसी हमारे महान पूर्वजो पर जिन्होंने इस देश के लिए बलिदान दे दिया है तो कभी ललकार के मैदान में बुलाते है ठीक ऐसा ही घटना हमारे काशी बनारस में हुआ बनारस के मिश्रा जी से फेमस हुए मिश्रा जी आय दिन धर्म पे सवाल करते है तो कभी हमारे पूर्वजो को गाली देते है इसपर ज़ब जवाब दिया गया तो ललकरते हुए खुद बुलाये बस इसी बात को पूछने के लिए अपने दोस्त के साथ अविनाश मिश्रा भाई पहुँचे अभी बात करते ही की हरीश मिश्रा अपने कई साथियों के साथ मिलकर अविनाश मिश्रा और उनके दोस्त को मार गिरा के लहूलुहान कर दिया ये कही ना कही समाज में एक गलत सन्देश गया बल्कि अन्य राज्य में भी काशी की छवि खराब हुई है इसपर हमारी मांगे है cctv फोटोज के आधार पर दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.
घटना की निष्पक्ष जांच की मांग
प्रेस वार्ता में शामिल समाज के विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधियों ने एकमत से यह मांग रखी कि CCTV फुटेज के आधार पर निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए, जिससे काशी जैसे सांस्कृतिक नगर की गरिमा बनी रहे.