गाजीपुर । एक दिन की अधिकारी बनने पर बच्चियों का खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने फरियादियों की समस्याओं को सुना और उनके निस्तारण के लिए अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देशित भी किया। इन बच्चियों को मिशन शक्ति के तीसरे चरण के तहत सांकेतिक नायिका की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
इसी कड़ी में शुक्रवार को इंटर कॉलेज की पांच छात्राओं को एक दिन के लिए जिला प्रोबेशन अधिकारी, महिला कल्याण अधिकारी, बाल संरक्षण अधिकारी, सेंटर मैनेजर और प्लेस ऑफ सेफ्टी अधीक्षक बनाया गया। इस दौरान इन अधिकारियों ने पूरे दिन अपने कर्तव्य का निर्वहन किया।
एक दिन के लिए जिला प्रोबेशन अधिकारी बनी आयुषी सिंह इंटर की छात्रा है। इस दौरान आयुषी सिंह ने कई फाइलों का गहन निरीक्षण किया। दहेज के मामलों से संबंधित भी फाइलें उनके सामने आई जिसमें साल 2014 का एक शासनादेश है, जिसमें सरकारी कर्मचारी या अधिकारी एक शपथ पत्र विभाग को देगा कि दहेज का लेन देन नहीं करेगा।
वही महिला कल्याण अधिकारी छात्रा अंजू कुशवाहा को बनाया गया।इन्हें भी पदभार ग्रहण करने के बाद महिला कल्याण अधिकारी नेहा राय के द्वारा विभाग से संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों से मिलकर परिचय प्राप्त किया और विभागीय कार्यों के बारे में जानकारी ली।
बाल संरक्षण अधिकारी बनी काजल सिंह ने अपना पद ग्रहण करते ही एक 15 वर्षीय बालक जो लगातार अपने घरों से भाग जा रहा था। आज वह बालगृह लाया गया था। काउंसलिंग करते हुए काजल ने उसे कुशल अधिकारी की तरह समझाया।इसके अलावा विभाग से जुड़े हुए कर्मचारियों से परिचय प्राप्त करने के पश्चात विभाग की फाइलों का भी अवलोकन किया और बताया कि यह हमारे लिए या एक खुशी का पल है कि हमें आज इस पद के लिए योग्य समझा गया। काजल ने कहा कि वह इस पद पर बैठने के बाद मैंअपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रही हूं। उन्होंने कहा कि वह आगे चलकर प्रशासनिक अधिकारी ही बनना चाहती है। सेवा में आने के बाद लोगों की सेवा करने का मौका मिलेगा। यह दिन वह कभी नहीं भूल पाएंगी। इस सीट पर बैठने से महसूस हुआ कि किस तरह से पद पर रहते हुए लोगों की सेवा की जा सकती है।
वन स्टॉप सेंटर जहां पर एक छत के नीचे महिलाओं की सभी तरह की समस्याओं का निराकरण किया जाता है। वहां की सेंटर मैनेजर बनी ने बताया कि यह उनके जीवन का बहुत ही यादगार पल और वह अनुभव है, जो आज उन्हें मैनेजर के रूप में मिला है।वह कोशिश करेंगे कि आज के दिन जो भी महिलाएं अपनी समस्या को लेकर आए, उसका निराकरण कर सके। इस दौरान एक महिला ने आवेदन किया कि उसके पति द्वारा उसे छोड़ दिया गया है।वह अपने मायके में रह रही है जिसके लिए उसने निवेदन किया कि वह परिवार वालों को बुलाकर उन्हें पुनः ससुराल में भेजने की कार्यवाही की जाए।
बाल संरक्षण अधिकारी गीता श्रीवास्तव ने बताया कि इस कार्यक्रम के माध्यम से महिलाओं तथा बालिकाओं को इन पदों पर कार्यरत होकर कैसे पद का दायित्व का निर्वहन किया जाता है इसके प्रति जागरूक किया गया।
शपथ ग्रहण के दौरान नेहा राय, शिखा सिंह, लक्ष्मी मौर्य, गोपाल जी, सुशील वर्मा, गीता श्रीवास्तव, नीतू कुमारी, राजीव पालीवाल, आभा सिंह आदि लोग उपस्थित रहे।