ग़ाज़ीपुर ।
ग़ाज़ीपुर में डाला छठ के पर्व को धुमधाम से मनया गया। हजारों की संख्या में श्रद्धालू गंगा में डूबकी लगाकर भगवान भास्कर को दुध और जल से अर्घ्य दिया । जानकारी के मुताबिक पुत्र व पति की दीर्घायु एवं सुख समृद्धि के लिए सूर्य की उपासना की जाती है। चार दिवसीय सूर्योपासना का पर्व छठ का आज समापन किया गया।
इस दौरान शहर के काली मानता मंदिर गंगा घाट का जायजा लिया गया। जहां पर छठ व्रती महिला सरिता तिवारी ने बताया कि सरिता तिवारी कहा कि छठ पर्व महापर्व माना जाता है और हिंदू धर्म के अनुसार मान्यता यह है कि अगर हम छठ पर्व करते हैं तो हमारे घर परिवार में सुख संपत्ति बनी रहती है और आयु में वृद्धि होती है, आरोग्य प्राप्त होता है । इसलिए हम छठ का महापर्व करते हैं। शाम के समय अस्ताचल सूर्य को हम अर्घ देते हैं और सुबह के समय उदयीमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। क्योंकि छठ पर्व पर सूर्य शशि का जन्मदिन मनाते हैं । क्योंकि इस दिन सूर्य का जन्म हुआ था ऐसा माना जाता है। इस इस दौरान व्रती महिला सविता तिवारी ने बताया कि छठ पर्व ही एक ऐसा दिन है जिसमें हम डूबते हुए सूर्य को भी जल देते हैं, और बाकी समय हम लोग उदयीमान मान सूर्य को जल देते हैं। उन्होंने कहा कि एक मान्यता यह भी मानते हैं कि सूर्य देव की दो पत्नियां थी इसलिए सूर्य को अर्घ्य देने के लिए सुबह- शाम का समय छठ पर्व में बनाया गया है । वही उनसे जानकारी ली गई कि आज के दिन लंबा सिंदूर लगाने का क्या मतलब है । तो उन्होंने बताया कि इस सिंदूर को जोड़ा सिंदूर कहते हैं। मान्यता यह है कि जोड़ा सिंदूर लगाना शुभ माना जाता है। वैसे छठ पर्व में हर कार्य जोड़ा किया जाता है। छठ पर्व में निर्जल व्रत रहा जाता है । इसका मतलब होता है कि अपने आप को तो तपाना होता है और सूर्य के प्रति अपने आप को समर्पित होना माना जाता है और इसका परिणाम यह होता है कि हमें सुख समृद्धि प्राप्त होती है।