गाजीपुर।
गाज़ीपुर के सरकारी अस्पताल में अपने विधानसभा क्षेत्र के एक घायल से मिलने समाजवादी पार्टी के विधायक और पूर्व मंत्री यूपी ओपी सिंह आए थे और मीडिया से बातचीत के दौरान गाज़ीपुर के ज़मानियाँ कोतवाली की कार्यशैली पर गंभीर आरोप लगाए ।
उन्होंने साफ कहा कि ज़मानियाँ कोतवाली बिक रही है, अगर आपके पास पैसा है तो आप मर्डर करके भी छूट जाएंगे, उन्होंने प्रशासन और पुलिस पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए, कोतवाल ज़मानियाँ और एसडीएम पर जमकर भड़ास निकाली और उन्हें भ्रष्टाचार करके क्षेत्र की जनता को लूटने तक का आरोप लगा दिया, उन्होंने कहा कि इन सबको किसी से डर भी नहीं है और उन्होंने योगी सरकार में अधिक्कारियों के मनमानी का भी आरोप लगाया है।
आपको बताते चलें कि गाज़ीपुर के ज़मानियाँ थाना क्षेत्र के ज़मानियाँ कस्बे में बिजली विभाग के संविदाकर्मी मीटर रीडर रजनीकांत सिंह से रविवार की रात रास्ते में चेन लूटने में असफल बदमाशों द्वारा गले पर चाकू से वार के बावजूद एक हमलावर को पकड़ने और पुलिस को सूचना देने के बावजूद स्थानीय ज़मानियाँ कोतवाली पुलिस पर आरोप है कि उन्होंने आरोपी को छोड़कर अस्पताल में गहरे जख्म का इलाज करा रहे पीड़ित विद्युत कर्मी के ही खिलाफ मारपीट और एससी-एसटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कर दी ।
जिसकी शिकायत के बाद स्थानीय पुलिस ने घायल की एफआईआर नहीं लिखकर आरोपियों की क्रॉस एफआई आर पहले लिख दिया, बाद में उच्चाधिकारियों के दखल पर पीड़ित की भी एफआईआर लिखी गयी । उसी घायल को देखने क्षेत्रय ज़मानियाँ विधायक ओपी सिंह अस्पताल आए थे और पूरा घटनाक्रम सुनकर और उस समय के वीडियो को देखकर उन्होंने योगी राज में सुशासन का दावा करने वाली अपनी ही क्षेत्रय पुलिस और मजिस्ट्रेट के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली ।
उन्होंने सवाल उठाया कि जो गम्भीर घायल है , उसके द्वारा आरोपी को पकड़ लिया गया, उसे पुलिस को सुपुर्दगी के बावजूद, छोड़ देना और पीड़ित घायल जिसके की गर्दन में चाकू मारा गया है उसी के खिलाफ कोतवाली पुलिस द्वारा मुकदमा लिख देना साबित करता है कि पुलिस बिकी हुई है। फिलहाल ज़मानियाँ पुलिस के इस कृत्य के बाद कोई भी पुलिस अधिकारी बयान देने से बच भी रहा है लेकिन क्षेत्रीय विधायक ने पुलिस के खिलाफ जमकर आरोप लगाए हैं, जिसका संज्ञान वास्तव में सरकार को लेना चाहिए।