लखनऊ।
उत्तर प्रदेश में अब डाक्टर मरीजों को किसी भी कीमत पर ब्रांडेड दवाएं नहीं बल्कि जेनरिक दवाएं ही लिख सकेंगे।
चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग ने सभी डाक्टरों के लिए स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि वह दवाओं के ब्रांड का नाम नहीं बल्कि उसके साल्ट का नाम लिखेंगे । अगर कोई डाक्टर ब्रांडेड दवा लिखते पकड़ा गया तो कार्रवाई होगी।
मंगलावार को उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने डाक्टरों द्वारा जेनरिक दवाएं न लिखकर ब्रांडेड दवाएं लिखने को गंभीरता से लेते हुए जेनरिक दवाएं ही लिखने के सख्त निर्देश चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिए।
शाम को अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद की ओर से शासनादेस जारी कर दिया गया।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी शासनादेश में सभी सरकारी अस्पतालों को निर्देश दिए गए हैं कि वह अस्पतालों में उपलब्ध दवाओं की सूची को प्रदर्शित करें। किसी भी कीमत पर डाक्टर मरीजों को बाहर से दवाएं नहीं लिखेंगे। जन औषधि केंद्रों का बेहतर ढंग से संचालन बेहतर ढंग से किया जाएगा।
अगर अस्पताल में कोई दवा उपलब्ध नहीं है और डाक्टर मरीज को बाहर से दवा लिख रहा है तो वह दवा के ब्रांड का नाम लिखने की बजाए साल्ट का नाम लिखेगा। ताकि मरीज सरकारी अस्पताल के जन औषधि केंद्र से जेनरिक दवा खरीद सके। इसे सख्ती से लागू किया जाएगा। आदेश का पालन न करने वाले डाक्टरों पर कार्रवाई होगी