एम के न्यूज / महेन्द्र शर्मा
बांदा
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर अब वाहनों की संख्या में इजाफा हुआ है। भरतकूप व बांदा से करीब पांच हजार छोटे-बड़े वाहन रोज गुजरते हैं। ऐसे में एक्सप्रेसवे पर इलेक्ट्रिक बसें और अन्य वाहन भी भविष्य में चलेंगे। इसके लिए यूपीडा एक्सप्रेसवे पर पेट्रोल पंपों की तर्ज पर चार्जिंग प्वाइंट बनाने की तैयारी कर रहा है।
296 किलोमीटर लंबे भरतकूप (चित्रकूट) से इटावा तक एक्सप्रेसवे छह पैकेज में बंटा है। इन सभी पैकेज में एक-एक चार्जिंग प्वाइंट बनाने की तैयारी है। इनके लिए स्थल चयन का कार्य चल रहा है। जल्द ही यूपीडा के कार्यकारी निदेशक मनोज कुमार सिंह के दौरे की संभावना है। अधिकारियों का कहना है कि पहले कट में नीचे चार्जिंग प्वाइंट बनाने की तैयारी थी, लेकिन शासन ने एक्सप्रेसवे के ऊपर ही बनाने के निर्देश दिए हैं। इसलिए टोल प्लाजा में स्थान देखा जा रहा है। यहां टायलेट ब्लाक में यात्री कुछ देर रुकते हैं। ऐसे में वह अपने वाहन चार्ज कर सकेंगे।
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे सात जिलों इटावा, औरैया, जालौन, हमीरपुर, महोबा, बांदा और चित्रकूट से गुजरता है। 296 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2020 में शिलान्यास किया था। एक्सप्रेसवे का उद्घाटन पीएम मोदी ने जुलाई 2022 में किया था। एक्सप्रेसवे बुंदेलखंड क्षेत्र को इटावा के पास आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से जोड़ता है। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को सौर ऊर्जा संचालित राजमार्ग में बदलने के लिए राज्य सरकार ने 1,700 हेक्टेयर जमीन चिह्नित की है।
चार-लेन एक्सप्रेसवे को एक डेडीकेटेड सर्विस लेन के अलावा दो भागों में विभाजित किया गया है। दो लेन के बीच करीब 20 मीटर के गैप में सोलर पैनल लगाए जाएंगे। जमीन की इस पट्टी का इस्तेमाल वर्तमान में एक्सप्रेसवे के साथ की कृषि भूमि से अलग करने के लिए बाड़ लगाने के लिए किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने अब एक्सप्रेसवे पर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन बनाने की तैयारी की है। चित्रकूट के भरतकूप से इटावा तक करीब छह टोल प्लाजा बने हैं। इनके पास ही चार्जिंग प्वाइंट के लिए भूमि चिह्नित की जा रही है। स्थल चयन का कार्य लगभग अंतिम स्थिति में है। अधिकारियों का कहना है कि यूपीडा के सीईओ मनोज कुमार सिंह दो से चार दिन में भ्रमण करके इन स्थानों को फाइनल करेंगे। एक चार्जिंग प्वाइंट भरतकपुर (चित्रकूट) में बनेगा, दूसरा मवई बुजुर्ग, तीसरा खन्ना में बनेगा। इसी तरह आगे हर पैकेज में 50 किलोमीटर के दायरे में बनाए जाएंगे। अप्रैल 2024 तक यह बनकर तैयार हो जाएंगे।