ग़ाज़ीपुर । सेवराई तहसील क्षेत्र के अरंगी गांव में स्थित प्राथमिक विद्यालय प्रथम पर कोविड नियमो की उड़ाई जा रही धज्जियां। बच्चों के मध्यांह भोजन में भी हो रही भारी उलट फेर। सरकार की योजनाओं को पतीला लगा रहे सम्बंधित शिक्षक व अधिकारी।
शासन द्वारा बच्चों के गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और उनके पठन-पाठन पर लाखों रुपए खर्च कर विभिन्न योजनाओं को क्रियान्वयन पर जोर दे रही है। लेकिन भदौरा विकासखंड के अरंगी प्राथमिक विद्यालय प्रथम पर शिक्षक एवं संबंधित उच्च अधिकारियों के द्वारा ही खुद ही कोविड-19 एवं सरकार की योजनाओं को पलीता लगाया जा रहा है। विद्यालय पर शिक्षकों के द्वारा पठन-पाठन का कार्य किया जा रहा था लेकिन किसी भी शिक्षक के द्वारा मास्क नहीं लगाया गया था। जब इस बारे में पूछा गया तो पहले तो सभी शिक्षकों ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। अधिकारियों के निर्देश के बाद प्रधानाचार्य श्री श्यामा देवी ने बताया कि हमारे यहां गांव में कोविड-19 का खतरा नहीं है इसलिए मास्क नहीं लगाया गया है। विद्यालय में उपस्थित और पंजीकृत बच्चों की संख्या के बारे में बताया कि 120 बच्चे पंजीकृत हैं जिनमें से मात्र 80 बच्चे भी उपस्थित थे। सरकार भले ही बच्चों को शुद्ध और पौष्टिक भोजन मीनू के अनुसार देने का दावा कर रही हो लेकिन संबंधित अधिकारियों के द्वारा ही बच्चों के निवाले पर भी सेंध मारा जा रहा है। गैस खत्म हो जाने के कारण रसोइयों के द्वारा लकड़ी पर ही भोजन तैयार किया जा रहा था। शनिवार को मीनू के अनुसार सोयाबीन युक्त सब्जी और चावल बनाने का निर्देश है लेकिन प्रभारी प्रधानाचार्य द्वारा बच्चों को लौकी की सब्जी और चावल ही परोसा गया।
इस बाबत पूछे जाने पर खंड शिक्षा अधिकारी सावन कुमार दुबे ने बताया कि शिक्षकों को हमारे द्वारा ही कोई भी जानकारी देने के लिए मना किया गया है अगर कुछ भी जानकारी चाहिए तो आप हमसे ले सकते हैं।