गाजीपुर।
सिद्धपीठ हथियाराम की शाखा कालीधाम हरिहरपुर में चल रहे वासंतिक नवरात्र महोत्सव के दूसरे दिन रविवार को वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हवन पूजन हुआ।
श्रद्धालुओं ने यज्ञ मंडप की परिक्रमा किया, तो गुरुजी महाराज की चरण वन्दना करके आशीर्वाद प्राप्त किया।
सिद्धपीठ हथियाराम के पीठाधिपति महामंडलेश्वर स्वामी भवानी नन्दन यति जी महाराज के संरक्षकत्व में नवरात्र पर्यंत चलने वाले इस वृहद अनुष्ठान में पुण्य लाभ की कामना के साथ शिष्य श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है।
करीब सात सौ वर्ष प्राचीन सिद्धपीठ हथियाराम मठ की शाखा मां काली मंदिर खड़बा क्षेत्र के चालीस गांवों में रहने वाले लोगों की कुल देवी हैं। माता के दरबार में हाजिरी लगाने के लिए देश के कोने-कोने से शिष्य-श्रद्धालु पहुंचकर श्रद्धाभाव से देवी माता और पीठाधिपति महामंडलेश्वर भवानीनन्दन यति जी महाराज के श्रीचरणों में श्रद्धानवत हो रहे हैं।
हरिहरात्मक पूजन के उपरांत प्रवचन करते हुए स्वामी भवानी नन्दन यति ने देवी दुर्गा की आराधना को सर्वदा फलदायक बताते हुए जनता से पूजा-पाठ और संत समागम से जुड़ने का आह्वान किया। कहा कि कर्म ही पूजा नहीं, पूजा ही कर्म है, का मूलमंत्र जीवन में अपनाएं। भक्तों के लिए भंडारा की भी व्यवस्था की गई है, जिसमें महाप्रसाद ग्रहण कर श्रद्धालु जयकारा लगाते हुए अपने घरों को लौट रहे हैं। समूचे क्षेत्र का माहौल देवीमय बना हुआ है। इस धाम में विद्यमान दक्षिणमुखी देवी प्रतिमायें अलौकिक और पुण्यफल दायक हैं।
यह मंदिर व इसमें स्थापित मां काली की तीन मूर्तियां स्वयं में काफी महत्व रखती हैं। बताते हैं कि सच्चे हृदय से इनका दर्शन करने मात्र से श्रद्धालुओं की सभी मनोकामना पूरी होती है। मन्दिर में विद्यमान तीन प्रतिमाएं मां के तीनों रूपों महासरस्वती, महालक्ष्मी और महाकाली के रूप में हैं, जिनकी पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही।
इसी क्रम में सिद्धपीठ हथियाराम स्थित बुढ़िया माता मंदिर, सादात नगर स्थित मां दुर्गा व काली मन्दिर, खुटहीं स्थित शीतला माता मंदिर आदि पर भक्तों ने पूजन अर्चन कर मनोकामना पूर्ण होने की कामना किया। देवी मंदिरों में जहां दर्शन पूजन हो रहा है, वहीं लोग घरों में कलश स्थापित कर भगवती की आराधना-वन्दना कर रहे हैं।