ग़ाज़ीपुर ।
• 27 अप्रैल की रात को फोन कॉल पर निकला था बदरे आलम, सुबह मिली थी रक्त रंजित लाश।
• दिलदारनगर के शेरपुर गांव की थी वारदात, रुपए और तालाब को लेकर दोस्त बन गए थे जानी दुश्मन।
• मृतक बदरे आलम और फरार आरोपी अब्बास कभी साथ करते थे हीरोइन की तस्करी, अब हो गयी थी अनबन।
• एसपी गाज़ीपुर ने पीसी कर दो हत्यारोपियों को आला क़त्ल के साथ मीडिया के सामने पेश कर बताई क़त्ल की कहानी।
गाज़ीपुर के ज़मानियाँ कोतवाली क्षेत्र के मोहम्मदपुर निवासी बदरे आलम की बीते 27 अप्रैल को धारदार हथियार से हत्या कर शव को दिलदालनगर के शेरपुर गांव के सीवान में फेंक दिया गया था ।
जिसमें उनकी पत्नी की तहरीर पर पुलिस ने जाँच की और दो मुख्य आरोपियों को धर दबोचा है , इस हत्या का खुलासा करते हुए एसपी रामबदन सिंह ने बताया कि ये क़त्ल इसके दोस्त ने 20 लाख रुपए देने की बात कहकर जमानिया के मुहम्मदपुर निवासी संदीप गुप्ता पुत्र ईश्वरचंद गुप्ता तथा बेटाबर कला निवासी सोनू उर्फ सूरजभान पासी से करवाया है ।
संदीप ने ही मृतक बदरे को अंतिम कॉल की थी, और जब वो इनके पास गया तो इन सभी ने उसे धारदार चाकू और चापड़ से मार दिया था ।
उन्होंने बताया कि कर्ज का पैसा न लौटाना पड़े और तालाब के विवाद को लेकर बदरे आलम की उसके पुराने दोस्त अब्बास से दुश्मनी हो चुकी थी, इसीलिए इस हत्या की वारदात को अब्बास द्वारा इन दोनों से अंजाम दिलाया गया था ।
एसपी ने बताया कि दिलदारनगर थाना क्षेत्र के शेरपुर गांव के सिवान में 27 अप्रैल की सुबह जमानिया कोतवाली क्षेत्र के मुहम्मदपुर निवासी बदरे आलम धारदार हथियार से वार कर हत्या कर फेंका गया शव मिला था ।
पत्नी की तहरीर पर मुकदमा पंजीकृतक कर पुलिस मामले की छानबीन करते हुए हत्यारोपियों की तलाश में जुट गई थी। गिरफ्तारी के लिए स्वाट व सर्विलांस टीम को भी लगाया गया था ।
इसी क्रम में पुलिस टीम ने मुखबिर की सूचना पर गुरुवार की शाम करीब पांच बजे दिलदारनगर क्षेत्र के फुल्ली नहर पुलिया के पास से जमानिया के मुहम्मदपुर निवासी संदीप गुप्ता पुत्र ईश्वरचंद गुप्ता तथा बेटाबर कला निवासी सोनू उर्फ सूरजभान पासी को गिरफ्तार किया। इनकी निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त चाकू/बांका घटनास्थल से थोड़ी दूर स्थित बबूल के पेड़ की झंखाड़ से बरामद किया गया ।
पूछताछ में अभियुक्त संदीप गुप्ता ने बताया कि मेरे गांव के बदरे आलम ने मुझे एक लाख रूपया वर्ष 2021 में उधार में दिये था, जिसका ब्याज दस प्रतिशत था। इस वर्ष फरवरी माह में मेरे पिता जमीन बेचकर बदरे आलम को एक लाख रूपया वापस किए थे, लेकिन बदरे आलम मुझसे अक्सर तगादा करते हुए मेरे दुकान पर आते थे और कहते थे कि तुम्हे एक लाख बीस हजार रूपया और देना है ।
बदरे आलम से मेरे गांव के अब्बास खां का तालाब के विवाद को लेकर दुश्मनी हो चल रही थी। बदरे आलम अब्बास के खिलाफ अक्सर प्रार्थना पत्र देता था और गांव मे घुमकर कि मैं अब्बास की सम्पत्ति की जांच कराऊंगा। अब्बास हिरोइन की तस्करी में कई बार जेल भी जा चुका है। इसके कारण अब्बास बदरे आलम से बहुत रंजिश रखने लगा था ।
करीब एक माह पहले अब्बास ने मुझसे कहा कि यदि तुम किसी तरह बदरे आलम को शेरपुर मुसहर बस्ती पुलिया के पास ले आओ तो मैं तुम्हे बीस लाख रूपया दूंगा। पहले तो मैं तैयार नहीं हुआ, लेकिन बार-बार बदरे आलम द्वारा तगादा करने से बचने व पैसा न देना पड़े तथा बीस लाख रूपया भी मिल जायेगा , इस लालच में मैं आ गया। मैने अपने मित्र सोनू उर्फ सूरजभान पासी को इस काम के लिए तैयार किया। कहा कि तुम्हें मैं पचास हजार रूपया दूंगा और काम के बाद फिर पचास हजार तुम्हें और मिल जाएगा । एक आदमी जो मेरे गांव का रहने वाला है, उसको मारना है। सोनू भी लालच में आ गया , और प्लान कर 25 अप्रैल को मैंने अपने मोबाइल से बदरे आलम को फोन मिलाकर सोनू से बात कराया, जिस पर सोनू ने प्लान के तहत कहा कि संदीप का पैसा मेरे पास है । आप 26 अप्रैल को पांडेय मोड़ के पास संदीप के साथ आ जाइयेगा, मैं पैसा दे दूंगा।
मैं बदरे आलम को झांसे में लेकर अपने साथ ले गया, जहां पहले से मौजूद सोनू उर्फ सूरजभान पासी, अब्बास व उसके साथियो ने मिलकर बदरे आलम को पकड़ लिया। सोनू तथा मैने चाकू/बांका से बदरे आलम के शरीर पर कई वार किए, जिससे उनकी मृत्यु हो हई। वारदात के बाद हम लोग फरार हो गए। एसपी ने बताया कि अभियुक्तों का संबंधित धाराओं में चालान कर दिया गया ।