गाज़ीपुर ।
गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु , गुरुर देवो महेश्वरः , गुरुर साक्षात परम ब्रह्म , तस्मै श्री गुरुवे नमः , इस श्लोक का भाव चित्रण आज महान शिक्षाविद डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के जन्मदिवस पर मनाए जाने वाले शिक्षक दिवस के अवसर पर जनपद के रायगंज स्थित सरस्वती शिशु मंदिर एवं विद्या मंदिर के प्रांगण में साक्षात देखने को मिला ।
विद्यालय का पूरा वातावरण अद्भुत और भावविभोर हो रखा था. विद्यालय के लगभग 30साल पुराने छात्रों के समुह ने अपने गुरुजनों को सम्मानित कर उनका मान किया।
नब्बे के दशक के पास आउट छात्रों को शिक्षित करने वाले आचार्य नगेंद्र पांडेय अभी भी विद्यालय में अध्यापन कार्य में लगे हुए है, बाकी उस समय के शिक्षक क्रमशः सेवानिवृत्त हो चुके है।
अपने प्रिय छात्रों को देखकर आचार्य नगेन्द्र पांडेय भाव-विभोर हो गये। पुरातन छात्र भी अपने गुरु संग बैठकर शिक्षा के दौरान की यादें ताजा करते नजर आये। शिक्षक व गुरु का मिलन देखकर उपस्थित सभी लोग आत्ममुग्ध हो उठे। विद्यालय के प्राचार्य ने कहा कि ये क्षण ऐतिहासिक और भावनाओं के परिपूर्ण है , उन्होंने कहा कि ऐसे पलो में अपने भावों पर नियंत्रण रख पाना मुश्किल होता है. शिक्षक दिवस के इस अवसर पर पुरातन छात्रों द्वारा प्रत्येक गुरुजन को उपहार स्वरूप वस्त्र, कलम, अंगवस्त्र व मिठाई भेंट की गई।
पुरातन छात्रों का कहना था कि माता-पिता के बाद एक गुरु का भी ऋण ऐसा होता है जिसे कभी नहीं चुकाया जा सकता है।
गौरतलब हो कि 90 के दशक के इन छात्रों में लगभग सभी छात्र अपने जीवन में सफल है। ये सफल छात्र विभिन्न प्रतिष्ठित जगहों पर अपनी सेवाएं दे रहे है। कोई जज है, कोई इंजीनियर है , कोई वैज्ञानिक , कोई बिजनेश मैन , कोई पत्रकार है , कोई फौज में तो कोई डॉक्टर है।
पुरातन छात्रों के इस जज्बे और सफलता को देख कर, विद्यालय के नन्हें और वर्तमान के छात्रों में भी नई ऊर्जा का संचार हुआ।