ग़ाज़ीपुर।
करंडा ब्लॉक में सैकड़ो एकड़ खेत जलमग्न।
खेतो में जल जमाव से किसान परेशान।
बाढ़ का पानी उतरने के बाद भी डूबे हैं खेत।
डिप्टी डायरेक्टर ने भी माना कि हुआ है नुकसान।
फसल बीमा का मिलेगा किसानों को लाभ।
ग़ाज़ीपुर। बाढ़ का पानी उतरने के बाद भी करंडा क्षेत्र के किसान परेशान हैं और बढ़ की त्रासदी झेल रहे हैं। कारण है रबी की फसल बढ़ की विभीषिका से नष्ट हो गयी तो खरीफ की खड़ी फसल सहित सब्जियों की फसल भी बाढ़ से पूरी तरह नष्ट हो गयी है। किसान परिवार तो कर्ज के बोझ तले दब गये। बाढ़ जाने के बाद आधा दर्जन गांवों की लगभग कई सौ एकड़ कृषि भूमि जलजमाव से झील सी दिख रही है, कारण बढ़ का पानी तो उतर गया है लेकिन खाल खेतो में पानी लगा हुआ है जो जनवरी तक रह जाता है, यदि इस पानी के निकासी की व्यवस्था नहीं हुई तो इसमें से लगभग 500 एकड़ भूमि में खेती नहीं हो पायेगी। जिससे हजारों किसानों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो जायेगा। किसान परिवार इसी खेती के भरोसे बच्चों की शिक्षा तथा बेटियों की शादी करता है। क्षेत्र के कटरियां, धरम्मरपुर, कोटियां, अटरियां विशुनपुरा, बलवंतपुर तथा मैनपुर, मानिकपुर, लखनचंदपुर, बभनपुरा और करंडा के किसानों ने कहा कि भादो महीना समाप्त होने वाला है अब प्रशासन को चाहिए की पानी निकालने की व्यवस्था करे। नहीं तो हजारों परिवार गरीबी रेखा के नीचे चले जाएंगे।
वहीं उप कृषि निदेशक गाज़ीपुर यतीन्द्रनाथ सिंह ने बताया कि जिन किसानों का फसल बीमा कराया गया है उनको विभाग की तरफ से सहायता जरूर दी जाएगी।