गाजीपुर।
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के निर्देश पर पार्टी से निष्कासित मोहम्मदाबाद विधानसभा के पूर्व सपा प्रत्याशी और वरिष्ठ नेता राजेश राय पप्पू ने आज समाजवादी पार्टी का झंडा सपा कार्यालय में जिला अध्यक्ष को ससम्मान वापस कर दिया।
इस दौरान उन्होंने कहा कि 2 दिन पूर्व समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा मेरा पार्टी से निष्कासन किया गया, जिस पर मुझे कोई आश्चर्य नहीं , क्योंकि मैं या मेरे जैसे बहुत लोग समाजवादी विचारधारा से जुड़े हैं।
उन्हें पता चल चुका है कि पार्टी के वर्तमान मुखिया लोहिया या मुलायम सिंह यादव द्वारा स्थापित समाजवाद को त्याग कर एक व्यावसायिक राजनैतिक संगठन बनाने की ओर अग्रसर है , जिसकी है ना ही कोई राजनीति है ना ही कोई अस्थाई सोच।
जिसका परिणाम है कि 2014 , 2017, 2019 और 2022 में असफलता मिली। मैं तो यह भी कहना चाहता हूं कि 2022 में तो इनकी व्याकुलता इस हद तक बढ़ गई थी कि जिस व्यक्ति और परिवार ने 2016 में समाजवादी झंडे को पैरों तले रौंदा और पार्टी मुखिया अखिलेश यादव के प्रति आपत्तिजनक टिप्पणी की, उन्हीं अखिलेश जी ने मुझे जिसने अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों से पार्टी को 15 वर्षों तक संघर्ष कर मजबूती दी, उन लोगों की सलाह पर बिना कुछ जाने समझे पार्टी से बाहर निकाल दिया । पार्टी का इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा।
यह घटना बहुत समाजवादी साथियों को सोचने पर मजबूर कर देगी कि अब पार्टी के लिए कोई भी संघर्ष नहीं करेगा।
वर्तमान में जनपद गाजीपुर की समाजवादी पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष के नियंत्रण से निकल गई है और एक अपराधी प्रवृत्ति के परिवार के चंगुल में चली गई है। जो भी व्यक्ति उन की बात करेगा वही दल में रहेगा और जो पार्टी हित की बात करेगा वह पार्टी से बाहर रहेगा।
ऐसी स्थिति में मैंने और मेरे तमाम साथियों ने विचार किया कि जिस झंडे को स्वर्गीय रामकरन दादाजी ने हमको दिया था उसे हम सभी पार्टी को वापस कर दें क्योंकि किसी भी पार्टी का झंडा उसका सम्मान होता है, मैं पैरों से रोदने वालों में से नहीं है। मैं सम्मान करने वालों में से हु। राजेश राय पप्पू ने आगे कहा कि मैं और मेरे साथी अब इन अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों पर कानून की मदद से बहुत जल्द नकेल लगाने में सफल होंगे।