गाजीपुर।
सपा के करीबी रहे आइएएस अधिकारी और लखनऊ विकास प्राधिकरण के पूर्व सचिव डा. रामविलास यादव के पैतृक आवास शादियाबाद थाना क्षेत्र के परेवां गांव में आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में इनकम टैक्ट व विजलेंस की टीम छापेमारी कर रही है।
अधिकारियों ने मीडिया से बात करने से इंकार कर दिया है। इसी क्रम में पुरनिया स्थित दिलकश विहार रानी कोठी सीतापुर रोड लखनऊ, गुड़म्बा, कुर्सी रोड स्थित जनता विद्यालय में विजलेंस उत्तराखंड ने छापेमारी की है। छापेमारी की कार्रवाई अभी चल रही है। इसके अलावा प्रदेश के गाजियाबाद जिला व उत्तराखंड के ठिकानों पर भी विजलेंस ने छापेमारी की है। राम विलास के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला चल रहा है।
रामविलास पूर्व में सचिव लखनऊ विकास प्राधिकरण और एडिशन डायरेक्टर मंडी परिषद रह चुके हैं। वह वर्तमान में ग्राम विकास विभाग उत्तराखंड में सचिव के पद पर कार्यरत हैं।
आपको बता दें कि उनके खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता हेमंत कुमार मिश्रा की शिकायत पर विजलेंस उत्तराखंड ने एफआइआर दर्ज की थी। रामविलास यादव के लखनऊ के पुरनिया के दिलकश विहार कॉलोनी के आवास सहित कुर्सी रोड स्थित जनता विद्यालय में उत्तराखंड विजलेंस टीम कार्रवाई कर रही है।
आपको जानकारी के लिए बता दें कि आइएएस रामविलास यादव 2019 में यूपी से उत्तराखंड आए थे। यहां शासन ने नौ जनवरी 2019 को उनके खिलाफ विजिलेंस में खुली जांच के आदेश दिए थे। विजिलेंस टीम ने आइएएस यादव को पूछताछ के लिए बुलाना चाहा, लेकिन वह उपस्थित नहीं हुए। इसके बाद आइएएस का पक्ष जानने के लिए तीन सदस्यीय हाईपावर कमेटी बनाई गई , पर यादव ने उसे भी गुमराह कर दिया ।