गाज़ीपुर ।
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा के मानस की कुछ चौपाइयों पर उठाये गये प्रश्न पर अंतरराष्ट्रीय कथावाचक राजन जी महाराज ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है ।
राजन जी इस समय जनपद में मानस कथा का पाठ कर रहे हैं और आज उन्होंने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि जो लोग मानस पर प्रश्न उठा रहे हैं ये उनकी मूर्खता का परिचायक है।
ढोल , गवार , शुद्र , पशु , नारी सकल ताड़ना के अधिकारी चौपाई मानस के सुंदरकांड में है और समुद्र द्वारा श्रीराम को रास्ता न देने के प्रकरण से जुड़ी है ।
प्रभु श्रीराम ने तीन दिनों तक समुद्र का मार्ग देने के लिये विनय किया और जब समुद्र ने मार्ग नहीं दिया तब उन्होंने समुद्र को सुखाने के बाण का अनुसंधान किया तभी समुद्रदेव प्रकट हुए और उन्होंने भगवान से कहा प्रभु हम आपके द्वारा ही बनाये गये हैं और आपकी ही बनायी गयी मर्यादा में बंधे हुये हैं ।
आपने ही हम पांच तत्वों गगन , समीर , अनल , जल और धरनी को बनाया है और हम सभी जड़वत हैं और यदि हमारे व्यवहार को देखना है तो आपको ढोल , गवार , शुद्र , पशु और नारी को देखना चाहिये ।
जिस तरह से पशु को बांधकर रखा जाता है उसी प्रकार से आपको मुझे बांधना पड़ेगा और मुझे बांधने के लिये आपको मेरे ऊपर पुल बनाना पड़ेगा और यहीं वो नल और नील के बारे में भी बताते हैं जिनके छूने से कोई भी वस्तु डूबती नहीं है।राजन जी का कहना था की ये चौपाई मानस के इसी प्रसंग से जुड़ा हुआ है और यहां ताड़ना का मतलब देखना है न कि सताना।
वहीं ओमप्रकाश राजभर के इस बयान पर की नल, नील आदि सभी मानव थे उनका कहना था कि उन्होंने देखा होगा इसलिये ऐसा कह रहे हैं मैंने तो मानस में यही पढ़ा है कि सभी किसी न किसी देवता के अवतार थे।