ग़ाज़ीपुर ।
पहले डाकिया डाक खोलता था आज हम मोबाइल में खोलते हैं।
डाक विभाग समय के साथ सबकी सुविधाओ के अनुरूप चल रहा है।
आज ढेर सारी सुविधाएं आपको घर पर ही पहुँचा रहा है डाक विभाग।
आज 9 अक्टूबर विश्व डाक दिवस है। ये दिन पूरी दुनिया में मनाया जाता है। कहते हैं 1969 में जापान के टोकियो शहर में आयोजित सम्मेलन में विश्व डाक दिवस के रूप में इसी दिन को चयन किए जाने की घोषणा की गई थी। एक जुलाई 1876 को भारत यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन का सदस्य बनने वाला भारत पहला एशियाई देश था। जनसंख्या और अंतरराष्ट्रीय मेल ट्रैफिक के आधार पर भारत शुरू से ही प्रथम श्रेणी का सदस्य रहा है।
पूरी दुनियाँ में डाक सेवा संचार की सबसे पुरानी विधि के रूप में जानी जाती है। सोशल मीडिया के दौर में भी डाक सेवा बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। संचार के सबसे पुराने साधन के रूप में डाक पद्धति को जाना जाता है। यह सेवा बहुत लम्बे समय से मौजूद है। हालाँकि वर्तमान में भले ही हमारे पास संचार के नए साधन उपलब्ध हैं। लेकिन संचार पद्धति के लिए यह लोगों को उस समय की याद दिलाता है, पोस्टकार्ड, अन्तर्देशिय और डाक विभाग का लिफाफा आज भी पुराने दिनों के हस्ताक्षर के रूप में लोगों के पास यादों के रूप में पड़ा मिलेगा क्योंकि तब लोग पत्रों का आदान-प्रदान करते थे। डाक दिवस के रूप में जब लोक संचार के पूराने संसाधनों को याद करते हैं तो वे यह जानकर सोच में पड़ जाते हैं कि पहले लोगों का जीवन कितना अलग था।
गाज़ीपुर हेड पोस्ट ऑफिस के पोस्टमॉस्टर श्री पीके राय कहते हैं कि अब डाक विभाग बदलते दौर में नए जमाने के साथ चल रहे हैं, जो पोस्टबोक्स डाकिया खोलता था वो अब कोई भी अपने मोबाइल में खोलता है। बहुत सी ऐसी सेवाएं हैं जिसमें डाक विभाग आपको बेहतर से बेहतर सेवा देने का प्रयास कर रहा है, आज हर चीज़ ऑनलाइन हो चुकी है जिसे आप कभी भी चेक कर सकते हैं। हमारा पोस्टमैन अब घर बैठे आपको बिजली बिल और रीचार्ज जैसी सुविधाएं दे रहा है, पीएलआई बीमा भी हम अब सबके लिए मुहैया करा रहे हैं, साथ ही कई बचत योजनाएं भी हमारे यहां उपलब्ध है। जो हम जनता को अपनी जिम्मेदारी समझ् कर बेहतर और आधुनिक तरीके से मुहैया करा रहे हैं।