उत्तर प्रदेश

अपराध निरोधक समिति ने जिला जेल से मुक्त कराये तीन कैदी । 

 

गाजीपुर

जिला कारागार में जेल की सजा काट रहे तीन बंदियों को उत्तर प्रदेश अपराध निरोधक समिति लखनऊ ने उनका अर्थ दंड जमा कर उन्हें कारावास से मुक्ति दिलाई। 
      उ. प्र. अपराध निरोधक समिति,लखनऊ के चेयरमैन  डॉ. उमेश शर्मा के निर्देशन पर  प्रांतीय सहायक सचिव मयंक कुमार सिंह  के नेतृत्व में वाराणसी  जोन सचिव डा. ए. के. राय जिला जेल में जुर्माना न भर पाने के अभाव में अतिरिक्त सजा काट रहे तीन कैदियों की जुर्माना राशि जमा कर एवं कैदी को आगे भविष्य में अपराध न करने की शपथ दिलाकर रिहा कराया गया। 
     उल्लेखनीय है कि यह कार्यवाही उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा जनहित याचिका में पारित आदेश के क्रम में मुख्यालय कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवाएं उत्तर प्रदेश के निर्देशानुसार सम्पादित की गयी।
     जिला कारागार प्रशासन के सहयोग से तीन बंदियों को रिहा कराया गया जिसमें अरुण खरवार पुत्र गोरख खरवार निवासी पटेल नगर बिक्रमगंज जिला रोहतास बिहार, मोहम्मद सिद्दीकी पुत्र मोहम्मद लल्लन निवासी पड़सरा उभांव बलिया तथा सलीम उर्फ गुड्डू पुत्र सिराजुद्दीन निवासी अलीगंज सराय लखंसी मऊ रहे। उत्तर प्रदेश अपराध निरोधक समिति के इस कार्य से जिला कारावास से मुक्त बंदियों के चेहरे खिल उठे।  उन्होंने कारावास से मुक्ति दिलाने हेतु समिति के पदाधिकारियों के प्रति आभार जताते हुए आपराधिक गतिविधियों से दूर रहने का आश्वासन दिया।
         आपको बताते चलें कि महामहिम राज्यपाल उत्तर प्रदेश के संरक्षकत्व में कार्यरत संस्था उत्तर प्रदेश अपराध निरोधक समिति जेल मैनुअल के अन्तर्गत कार्य करते हुए, मानवीय मूल्यों को ध्यान में रखते हुए प्रदेश को अपराध मुक्त बनाने में कार्य करती है। जिला जेल में छुड़ाए गए सभी कैदी कारावास व अर्थ दंड की सजा भुगत रहे थे‌। उन सबकी कारावास की सजा समाप्त हो चुकी थी परन्तु अर्थ दण्ड अदा न करने के कारण वे अतिरिक्त कारावास की सजा भुगत रहे थे। समिति ने उन पर लगे अर्थ दण्ड की धनराशि को जमा कर उन्हें कारावास से मुक्ति दिलाई।
             इस अवसर पर जेल अधीक्षक हरिओम शर्मा,प्रभारी कारापाल कमल चंद, उपकारापाल श्रीमती सुभावती देवी के साथ ही साथ उत्तर प्रदेश अपराध निरोधक समिति के पूर्वी जोन सचिव डॉ एके राय के साथ आशीष कुमार सिंह, डॉ ओ पी मौर्या विपिन कुमार मिश्र डॉ कमलेश कुमार का विशेष योगदान रहा।       

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