अपराधउत्तर प्रदेश

एस टी एफ ने मुठभेड़ में दो इनामीयो को किया ढ़ेर ।

 

लखनऊl एसटीएफ की टीम की बुधवार देर शाम करीब आठ बजे मड़ियांव के घैला इलाके में दो बदमाशों से मुठभेड़ हुई। दोनों तरफ से कई राउंड गोलियां चली। फायरिंग में दोनों बदमाश गंभीर रूप से घायल हो गये। घायल बदमाशों में अलीशेर उर्फ डॉक्टर और बन्नू उर्फ कामरान शामिल है। दोनों को अस्पताल भेजा गया है। जहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। अलीशेर पर एक लाख और कामरान पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित था। उसने 22 सितंबर को झारखंड के पलामू जिले में भाजपा नेता जीतराम मुंडा की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी। इसके बाद से वह फरार चल रहे थे। उत्तर प्रदेश में छिपे होने की सूचना पर एसटीएफ ने उनकी तलाश शुरू की। बुधवार देर शाम को दोनों की एसटीएफ से मुठभेड़ हो गई। एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश के मुताबिक बदमाशों के पास से एक कार्बाइन 30 एमएम, दो पिस्तौल, एक तमंचा, बाइक व भारी मात्रा में कारतूस बरामद किया गया है। पुलिस के मुताबिक दोनों मुख्तार अंसारी गिरोह के शॉर्प शूटर थे। इनकी तलाश काफी दिनों से चल रही थी। एसटीएफ एडीजी अमिताभ यश के मुताबिक मुठभेड़ में मारा गया बदमाश अलीशेर उर्फ डॉक्टर आजमगढ़ के देवगांव का रहने वाला था। 22 सितंबर को उसने रांची में भाजपा नेता जीतराम मुंडा की हत्या का आरोपी था। एडीजी अमिताभ यश के मुताबिक एसटीएफ बीते कई दिनों से इन दोनों बदमाशों पर नजर रखे हुए थी और बुधवार को सूचना मिली कि यह दोनों राजधानी लखनऊ में छिपकर रह रहे हैं। इसी सूचना पर यूपी एसटीएफ ने जब इनको पकड़ने के लिए घेराबंदी की तो मंडियाव में घैला पुल के पास दोनों बदमाशों ने एसटीएफ की टीम पर फायरिंग कर भागने की कोशिश करने लगे। इस दौरान जबावी फायरिंग में दोनों गंभीर रूप से घायल हो गये। दोनों को भाऊराव देवरस चिकित्सालय में इलाज के लिए भेजा गया। जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। एएसपी के मुताबिक अलीशेर उर्फ डॉक्टर और बन्नू उर्फ कामरान दोनों मऊ के निर्दल विधायक मुख्तार अंसारी के करीबी है। दोनों पहले मुन्ना बजरंगी के लिए काम करते थे। मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में हत्या के बाद दोनों सीधे तौर पर मुख्तार अंसारी के लिए काम करने लगे थे। इसके पहले मुख्तार के इशारे पर मुन्ना की अनुमति पर काम करते थे। एएसपी के मुताबिक अलीशेर उर्फ डॉक्टर आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर, वाराणसी जिलों में आतंक का पर्याय बन गया था। अलीशेर के लिए कहा जाता था उसके निशाने से कोई नहीं बच पाता है। एसटीएफ के एएसपी विशाल विक्रम सिंह की टीम से बुधवार देर शाम को हुई बदमाशों से मुठभेड़ में दोनों बदमाश ढेर हो गये। पुलिस टीम ने दोनों के पास से 30 एमएम की एक कार्बाइन, 9एमएम की एक पिस्तौल, 32 बोर की एक पिस्तौल, एक तमंचा, एक बाइक और भारी मात्रा में कारतूस बरामद किया है। एएसपी के मुताबिक एक लाख का इनामी अलीशेर उर्फ डॉक्टर कुख्यात शूटर था। उसका निशाना अचूक था। वह उत्तर प्रदेश ही नहीं आसपास के अन्य प्रांतों में सुपारी लेकर हत्या करता था। एसटीएफ के अधिकारियों के मुताबिक दोनों ने पुराने लखनऊ के एक बड़े कारोबारी की हत्या करने की सुपारी ली थी। इसके लिए ही वह कुछ दिनों से लखनऊ के मड़ियांव इलाके में छिपकर रहते थे। एसटीएफ को सूचना मिलने पर घेराबंदी की गई। बुधवार रात को टीम ने घैला पुलिस चौकी के पास घेरा तो टीम पर फायरिंग कर भागने लगे। करीब आधा किलोमीटर तक पुलिस टीम ने पीछा किया। इस दौरान दोनों बदमाश गंभीर रूप से घायल हो गये। एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश के मुताबिक अलीशेर पर हत्या के प्रयास, लूट, रंगदारी और अन्य तरह के 40 से अधिक मुकदमें दर्ज है। वहीं कामरान उर्फ बन्नू भी आजमगढ़ का ही रहने वाला था। उस पर भी आठ से अधिक हत्या के प्रयास, हत्या व रंगदारी के मुकदमें दर्ज है। पुलिस टीम के मुताबिक कामरान कुछ दिनों से अलीशेर के साथ ही रहता था। वह अलीशेर के लिए रेकी करता था। साथ ही वारदात को अंजाम देने में मदद करता था। एसटीएफ के मुताबिक मुठभेड़ में मारा गया बदमाश अलीशेर का नाम 22 सितंबर झारखंड के रांची में भाजपा नेता जीतराम मुंडा की गोलियों से भूनकर हत्या के मामले में नाम आया था। इसके बाद से ही वह फरार चल रहा था। वहीं इसके पहले उसने आजमगढ़ के बसपा नेता कलीमुद्दीन की गोली मारकर भी हत्या की थी। एसटीएफ टीम उसके द्वारा गैर प्रांतों में किये गये हत्या व अन्य वारदातों के बारे में जानकारी हासिल कर रही है।

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